नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक स्थल देव में चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला में छठव्रतियों और श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। आज सुबह से ही अत्यंत आकर्षक ढंग से सजाये गये देव के त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई है और लोग बारी-बारी से भगवान भास्कर का दर्शन–पूजन–अर्चन कर रहे हैं। देव का पूरा इलाका छठी मैया के भक्तिपूर्ण और कर्णप्रिय गीतों से गुंजायमान है।
देव छठ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं और छठव्रतियों की सुविधा के लिए औरंगाबाद जिला प्रशासन की ओर से बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, परिवहन, आवासन आदि के बेहतर प्रबंध किए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र और मंदिर परिसर में सुरक्षा के दृष्टिकोण से बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री और पुलिस अधीक्षक अंबरीश राहुल स्वयं मेला क्षेत्र में कैंप कर पूरी स्थिति की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों और बिहार-झारखंड के कोने-कोने से अब तक 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के देव पहुंचने का अनुमान है।
लोक मान्यता है कि देव में छठ व्रत करने से इस अवसर पर भगवान सूर्य देव की साक्षात उपस्थित की रोमांचक अनुभूति होती है और यहां के पौराणिक सूर्यकुंड में अर्घ्य अर्पित करने से मनोवांछित कामनाओं की पूर्ति होती है।
यहां स्थित भगवान सूर्य मनोकामना पूर्ण करने वाले हैं. कई लाख श्रद्धालु ऐसे हैं जो हर वर्ष यहां छठ करने आते हैं और सूर्य नारायण से मांगी हुई मन्नत पूरी होने पर मंदिर परिसर में स्थित जटहा बाबा के पास अपना बाल दान करते हैं. इस वर्ष समिति के सदस्यों ने तय किया है कि जो भी श्रद्धालु मुंडन कराना चाहते हैं वो मंदिर कमिटी के द्वारा पहले अपना रजिस्ट्रेशन करा लें, उसके बाद मुंडन कराएं।
आपको बता दे कि अब तक मुंडन कराने के लिए 5 हज़ार से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुका है. इसे निःशुल्क रखा गया है. इस परिसर में दर्जनों नाई बाल मुंडन करने के लिए बैठे रहते हैं. मंदिर परिसर में बैठे नाई रमेश ठाकुर ने बताया कि मंदिर कमिटी के द्वारा हमें रोज़ाना के हिसाब से मेहनताना दी जाती है. दिनभर में एक नाई 50 से अधिक मुंडन करता है. उन्होंने बताया कि देव में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने पर बाल मुंडन करवाते हैं।