नवबिहार टाइम्स संवाददाता
नवादा। नवादा जिले से अंतर्राज्यीय पलायन का मामला मजदूरों के लिए मौत का कारण बनता जा रहा है। मजदूरों को मालवाहक वाहनों से बोरे की तरह ठूंस कर ले जाना जहाँ ठीकेदारों की बर्बरता को दिखाता है वहीँ सरकार की उपेक्षापूर्ण रवैये से इस तरह का अत्याचार बढ़ता ही जा रहा है। सदर प्रखण्ड के मुफस्सिल थानांतर्गत गुरम्हा स्टालिन नगर महादलित गाँव के चार मजदूरों की सड़क दुर्घटना में मौत इसका ताजा उदाहरण है।
नवादा विधायक विभा देवी एवं जिला परिषद अध्यक्ष पुष्पा राजवंशी ने शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद भावुक होकर ढांढस बंधाया और हर संभव मदद का भरोसा दिया। सभी मृतक परिवार को दस-दस लाख रूपये मुआवजा के साथ आश्रितों के परवरिश का जिम्मा उठाने हेतु सरकार से माँग की। विधायक ने कहा कि ईंट भट्ठा पर मजदूरों को बर्बर तरीके से ले जाना न केवल मानवाधिकार का हनन है बल्कि सामाजिक संवेदनहीनता का भी प्रतीक है।
विदित हो कि माल ढुलाई का वाहन पिकप मैजिक भान पर 20 से 25 मजदूरों को बोरे की तरह पटना के लिए रवाना किया गया था। जहाँ से ट्रेन पकड़ कर गोरखपुर जाना था किन्तु हरनौत के पास ही गाडी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और एक छः माह का बच्चा समेत चार लोगों की मौत हो गई। दोनों नेताओं ने इस दुर्घटना के लिए ठीकेदार के साथ साथ स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेवार ठहराया है क्योंकि मजदूरों को ले जाते समय जानमाल की सुरक्षा का कोई मानदंड तय नहीं किया गया है।