नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे दो धनंजय कुमार मिश्रा ने गोह थाना कांड संख्या- 10/19, एस टी आर- 188/19 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधिन हत्यारोपी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एपीपी देवेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि अभियुक्त लालबहादुर चौधरी गम्हरी गोह को भादंवि धारा- 302 में आजीवन कारावास की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त साधारण कारावास होगी और भादंवि धारा- 201 में सश्रम पांच साल की सजा और दस हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास होगी। दोनों सजाएं साथ–साथ चलेगी।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक पवन चौधरी भेलवा बाराचट्टी गया ने 11/01/19 को प्राथमिकी गोह थाना में दर्ज कराई थी जिसमें कहा था कि बहन रिंकु देवी की शादी अभियुक्त से 2013 में हुई थी। अभियुक्त ने गलत नियत से षड्यंत्र कर बहन को रात्रि में तलवार से हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। हाथ काटा और किरोसीन तेल से जलाकर मार दिया। लाश को छिपा दिया। पवन चौधरी को घटना की सूचना गम्हरी ग्राम के ग्रामीणो से मिला तो घटना स्थल पर पहुंचकर घटना सत्यता जानकर न्याय के लिए थाना में आवेदन दिया। तब से अभियुक्त जेल में बंद हैं।
बचाव पक्ष से कोई अधिवक्ता नहीं होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद द्वारा निशुल्क अधिवक्ता पैरवी के लिए मुहैया कराई गई थी। उप परामर्शदाता एल. ए. डी. सी. एस.अधिवक्ता मुकेश कुमार ने बचाव पक्ष रखते हुए कम से कम सज़ा की मांग न्यायालय से की। अभियोजन की ओर से देवेन्द्र कुमार शर्मा ने जघन्य कृत्य के लिए फांसी की सजा की मांग की। दोनों पक्षों के सुनने के पश्चात न्यायधीश ने सज़ा सुनाई और कहा कि मृतका के दोनों नाबालिग बच्चों के उचित प्रतिकर के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद को लेटर लिखा जाए।