नवबिहार टाइम्स संवाददाता
डुमरिया। नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के द्वारा 10 वर्ष पूर्व बारूदी सुरंग विस्फोट कर सुरक्षा बलों के जवानों के बजाए जा रहे पुलिस जिप को उड़ाने वाला कुख्यात नक्सली कमलेश प्रसाद को जिला पुलिस और एसएसबी के जवानों ने दबोच लिया है। इस बारूदी सुरंग में कई जवान शहीद हो गए थे। वहीं इस मामले में कमलेश प्रसाद 10 वर्षों से फरार चल रहा था। हालांकि इस मामले में पुर्व में भी आधा दर्जन से ज्यादा नक्सलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
इस संबंध में इमामगंज पुलिस अनुमंडल कार्यालय में एसडीपीओ अमित कुमार ने प्रेस वार्ता कर बताया कि गया पुलिस एवं एसएसबी के संयुक्त कारवाई में 10 वर्षों से फरार नक्सली कमलेश प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि एसएसपी आशीष भारती के निर्देशन में नक्सलियों और अपराधियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि 10 वर्ष पूर्व 25 फरवरी 2015 को डुमरिया थाना क्षेत्र के ठकठकबा गांव के पास पुलिस बलों कोबरा बटालियन के जवानों के साथ वापस लौट रहे थे। तभी माओवादी नक्सलियों के द्वारा पहले से घात रहे पुलिस जीप को बारूदी सुरंग से विस्फोट कर उड़ा दिया गया था। इस हमले में कोबरा बटालियन के जवान गुलाब यादव एवं चालक हवलदार नरोत्तम दास की मृत्यु हो गई थी। इस कांड में कमलेश प्रसाद को नामजद बनाया गया था। इस कांड में गिरफ्तार कमलेश प्रसाद अपनी संलिप्पता स्वीकार किया है।
वहीं एसडीपीओ ने बताया की इस कांड में संलिप्त कई नक्सलियों को पहले ही न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। शेष अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस विशेष छापेमारी कर रही है। एसडीपीओ ने बताया की नक्सली कमलेश प्रसाद के गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है। इसकी संदेही पर पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों कई जगहों पर छापेमारी अभियान चला रही है। इसके साथ ही जंगली इलाका में सुरक्षाबलों के जवानों और जिला पुलिस के द्वारा सर्च अभियान चलाई जा रही है।