आमोद कुमार
कोईलवर। भोजपुर जिले के कोईलवर में सोन नद तट पर बाबा दिनेश्वरनाथ मंदिर भगवान शिव की पूजा और चट मंगनी पट व्याह के लिए प्रसिद्ध है। समय की बचत के साथ कम खर्च में शादियां होने से साधारण परिवारों के लिए यह पसंदीदा स्थल है। यहां कई प्रकार की सुविधा होने के कारण कम खर्चे में ही शादियां हो जाती हैं। कोईलवर में स्टेशन होने के कारण विभिन्न जगहों से रेलगाड़ी द्वारा आने में कम खर्च लगता है। आरा-छपरा फोरलेन, आरा-पटना नेशनल हाईवे और नासरीगंज-सकड्डी स्टेट हाईवे से जुड़े रहने के कारण सड़क मार्ग से यहां आना और सुविधाजनक होता है। बाबा दिनेश्वर नाथ धाम में हर वर्ष सैकड़ों वर-वधू परिणय सूत्र में बंधते हैं। मन्दिर के पुजारी बुधन पाण्डेय ने बताया कि शादियों के लिए अपने जिला और पड़ोसी जिला पटना से भी लोग आते है। एक ही दिन में विधिवत पूजन के बाद शादियां हो जाती हैं। मंदिर परिसर में खाने-पीने से लेकर अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। मन्दिर कमिटी के द्वारा सहयोग भी किया जाता है।
बाबा दिनेश्वर धाम की महिमा की बात करें तो एक किंवदंती अनुसार पुराने समय में आरा शहर के करमन टोला पूजा कमिटी की ओर से कोईलवर सोन नद में विसर्जन के लिए शिव की मूर्ति के साथ अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं लायी गयी थीं। वाहन से उतारकर शिव प्रतिमा को एक वृक्ष के नीचे रखा गया था। अन्य प्रतिमाओं को विसर्जित कर शिव प्रतिमा को विसर्जन करने के लिए उठाया जाने लगा। लेकिन प्रतिमा को लोग ना उठा सकें, ना हिला पाये। जिससे डर कर वे लोग शिव प्रतिमा को यहीं छोड़ चले गए। ग्रामीणों में इस चमत्कार को देखकर वहां शिव मंदिर निर्माण करने का ख्याल आया। इसके बाद मन्दिर का निर्माण हुआ। फिर कमिटी गठन कर मन्दिर को वृहद बनाया गया।
पुजारी के अनुसार वधू-वर पक्ष से प्राप्त सेवा शुल्क मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिए उपयोग किया जाता है। मन्दिर परिसर में समय-समय पर कार्यक्रम कराये जाते हैं जिसको लेकर अन्य कोई दान नहीं लिया जाता है। कन्या पक्ष से 251 रुपये और वर पक्ष से 351 रुपए की सेवा शुल्क लिया जाता है। वधू व वर पक्ष परिसर में कोई निजी कमरा बुक कराने पर बहुत कम राशि लिया जाता है। इसको लेकर कमरा एक सप्ताह पहले बुक करनी पड़ती है।