नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
आरा। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत सहकारिता सप्ताह के अवसर पर सुधा डेयरी, आरा द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पूरे उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर इन चारों जिलों में स्थित डेयरी कार्यालयों और दुग्ध शीतक केंद्रों पर एक दिवसीय सहकारिता कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें संबंधित जिलों की ग्रामीण दुग्ध समितियों के अध्यक्षों और सचिवों ने भागीदारी की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में “सहकारिता : बेहतर विश्व के लिए समावेशी एवं दीर्घकालिक समाधान” विषय पर विस्तार से चर्चा हुई।
आरा डेयरी के प्रबंध निदेशक ने सहकारिता के मूल सिद्धांतों, इसकी सामाजिक एवं आर्थिक उपयोगिता और ग्रामीण विकास में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सहकारिता न केवल व्यक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। प्रबंध निदेशक ने यह भी उल्लेख किया कि सुधा डेयरी लगातार दुग्ध उत्पादक किसानों के हित में कार्य कर रही है और पशुपालकों को दूध का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। भविष्य में भी डेयरी प्रबंधन इस दिशा में लगातार प्रयास करता रहेगा।
कार्यशाला में आरा स्थित मुख्यालय में उपेन्द्र प्रसाद भारती, उमा शंकर मिश्रा, कुमार अभिषेक आनंद, शिफाली भारद्वाज, कमलेश्वर पंडीत और उमेश प्रसाद सिंह सहित कई कर्मी उपस्थित रहे। वहीं बक्सर के डुमरांव, रोहतास के कोचस और कैमूर के मोहनियाँ केंद्रों पर संबंधित जिलों के प्रभारी और अन्य कर्मियों ने सहभागिता निभाई। सभी कार्यशालाओं के दौरान समिति प्रतिनिधियों को डेयरी प्रबंधन की ओर से उपहार भी प्रदान किए गए। यह आयोजन सहकारिता आंदोलन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने की दिशा में एक प्रेरक पहल साबित हुआ।