नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। देश की बिजली राजधानी के रूप में विकसित हो रहा औरंगाबाद जिला अब शीघ्र ही थर्मल, हाइड्रो और सोलर पावर प्लांट का संगम स्थल बनेग। बारून प्रखंड में प्रस्तावित सोलर पावर प्लांट की स्वीकृति मिलने के साथ ही यह जिला तीनों विधियों से बिजली उत्पादन के लिए न केवल पूरे राज्य में बल्कि देश के सबसे प्रमुख जिलों में एक होगा। फिलहाल नबीनगर में एनटीपीसी लिमिटेड की 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाला प्रोजेक्ट कार्यरत है और इस प्रोजेक्ट में स्टेज-2 के तहत आठ-आठ सौ मेगावाट की तीन इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। इस प्रकार यहां बिजली परियोजना में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 4380 मेगावाट हो जाएगी जो देश की दूसरी सबसे बड़ी बिजली परियोजना होगी।
इसी प्रकार नबीनगर प्रखंड में ही भारतीय रेल बिजली कंपनी और एनटीपीसी लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के रूप में भारतीय रेल बिजली कंपनी की 1000 मेगावाट उत्पादन क्षमता की बिजली परियोजना चालू है। इस प्रकार यह जिला जल विद्युत (हाइड्रो पावर) उत्पादन के क्षेत्र में भी वर्ष 1993 से जाना जाता रहा है। यहां बारून में करीब साढ़े तीन मेगावाट बिजली उत्पादन की दो इकाई स्थापित है जिनसे बिजली उत्पादन लगातार होता रहा है और अभी भी यह परियोजना कार्यरत है। बिहार स्टेट हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की डिहरा, तेजपुरा और सिपहा में भी जल विद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
अब जबकि राज्य सरकार का ध्यान सौर ऊर्ज़ा उत्पादन की ओर गया है तो इससे संबंधित सोलर पावर प्लांट बारून प्रखंड के मेंह पंचायत में लगने वाला है। इस प्रकार यह जिला थर्मल, हाइड्रो और सोलर पावर तीनों के उत्पादन के लिए प्रमुखता से जाना जाएगा।