नवबिहार टाइम्स संवाददाता
मसौढ़ी। बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की ड्रेस की सिलाई का जिम्मा अब जीविका समूहों को सौंपा है। इस फैसले का मकसद ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और गांवों में रोजगार देना है। इसी के तहत मसौढ़ी प्रखंड के दहिभता में अधिकार जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ के तहत ‘दीदी की सिलाई सेंटर’ की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन फिता काट कर और द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर सीडीपीओ अर्चना कुमारी, बीपीएम दिग्विजय नारायण समदर्शी, जिविकोपार्जन विशेषज्ञ युसूफ सिद्दीकी, सीएलएस अध्यक्ष शर्मीला कुमारी एवं डेजी कुमारी समेत दर्जनों जीविका दीदियां शामिल हुईं।
सीडीपीओ अर्चना कुमारी ने कहा कि यह योजना महिलाओं के लिए आर्थिक मजबूती का जरिया बनेगी। ड्रेस की सिलाई तय मानकों के अनुसार होगी। इसके लिए दीदियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। वही बीपीएम ने कहा कि यह पहल दीदियों के लिए स्थायी रोजगार का रास्ता खोलेगी। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जीविका की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रखंडों में जीविका दीदियों के लिए सिलाई प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। यह प्रशिक्षण सात दिन तक चलेगा। हर प्रखंड में अलग-अलग स्थानों पर प्रशिक्षण शिविर लगाए गए हैं। एक शिविर में 25 दीदियां प्रशिक्षण ले रही हैं। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ये दीदियां आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों की यूनिफॉर्म सिलेंगी। इससे उन्हें रोजगार का जरिया मिलेगा।
प्रशिक्षण शुरू होने से दीदियों में उत्साह है। जीविका की यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। जीविकोपार्जन विशेषज्ञ यूसुफ सिद्दीकी के द्वारा बताया गया कि कुल 100 दीदी का प्रशिक्षण होना है जो दो बैच 50 दीदी का अधिकार CLF में 25–25 का बैच बनाकर होगा तथा दो बैच 50 दीदी का प्रशिक्षण सहयोग CLF नदौल में होगा। उनका प्रतिदिन उनके कार्य के हिसाब से मूल्यांकन भी होगा। मास्टर प्रशिक्षक के रूप में रवि शंकर कुमार तथा सहायक प्रशिक्षक के रूप में सुजीत कुमार को अधिकार CLF के द्वारा चयन किया गया है।