नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
रामगढ़। झारखंड के जननायक और झारखंड आंदोलन के पुरोधा दिशोम गुरु शिबू सोरेन भले इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन शनिवार को नेमरा में उनके श्राद्धकर्म ने साबित कर दिया कि वे झारखंडियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे। लाखों लोग उनके गांव पहुंचे और भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सुबह से ही नेमरा की ओर लोगों का हुजूम उमड़ने लगा था। नेमरा से नावाडीह तक वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं। सड़कें जाम हो गयीं तो लोग पैदल ही चल पड़े। पगडंडियों, खेत-खलिहानों और संकीर्ण रास्तों से गुजरते हुए लोगों का सिर्फ एक लक्ष्य था, अपने चहेते नेता शिबू सोरेन को अंतिम प्रणाम करना। इस भीड़ में हर वर्ग के लोग शामिल थे। महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी भावुक थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और योग गुरु बाबा रामदेव दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि देने नेमरा पुहंचे। वहां सीएम हेमंत सोरेन ने दोनों का आभार जताया। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन एवं परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।
हर कोई दिशोम गुरु को अपनी तरह से याद कर रहा था। गांव के कई लोगों ने कहा कि शिबू सोरेन हमारे पिता समान थे। उन्होंने हमारी लड़ाई लड़ी। हमें पहचान दिलायी। वहीं, कुछ भावुक बुजुर्गों ने कहा कि गुरुजी ने हमेशा गरीबों और आदिवासियों की आवाज बुलंद की। उनका जाना झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है। गांव के युवा कहते नजर आये कि गुरुजी हमारे लिए हमेशा प्रेरणा रहेंगे। हम उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लेते हैं।
अपने परिजनों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी भीड़ में शामिल होकर शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दे रहे थे। नेमरा में दिशोम गुरु को लाखों लोगों ने हाथ जोड़कर, मौन रहकर और अश्रुपूरित नेत्रों से श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। श्रद्धांजलि सभा के चारों ओर सिर्फ दिशोम गुरु अमर रहे, शिबू सोरेन अमर रहे के नारे गूंज रहे थे।