जानें क्या है आवेदन की प्रक्रिया तथा पात्रता की शर्तें
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और हर परिवार में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल की है। ग्रामीण विकास विभाग ने सोमवार को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की मार्गदर्शिका जारी करते हुए स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। योजना का मूल उद्देश्य है कि हर परिवार की कम-से-कम एक महिला स्वरोजगार के माध्यम से उद्यमी के रूप में स्थापित हो सके। इसके तहत शुरुआती तौर पर महिलाओं को 10 हजार रुपये की राशि प्रथम किश्त के रूप में दी जाएगी। इसके बाद उनके उद्यम का आकलन करने पर आवश्यकता अनुसार दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी।
आवेदन और पात्रता की शर्तें
ग्रामीण विकास विभाग ने बताया कि योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका क्रियान्वयन बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) द्वारा ग्राम संगठनों के माध्यम से किया जाएगा, जबकि शहरी क्षेत्रों में नगर विकास एवं आवास विभाग का सहयोग लिया जाएगा। योजना के तहत परिवार से आशय पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चों से है। वहीं अविवाहित वयस्क महिलाएँ जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, उन्हें भी एकल परिवार मानकर योजना का लाभ मिलेगा। जीविका स्वयं सहायता समूह की सभी सदस्य महिलाएँ (एक परिवार से एक महिला) आवेदन कर सकती हैं। उन्हें इसके लिए विहित प्रपत्र में संबंधित ग्राम संगठन को आवेदन देना होगा। जो महिलाएँ स्वयं सहायता समूह से बाहर हैं, उन्हें पहले समूह से जुड़ना अनिवार्य होगा। इसके लिए उन्हें स्वघोषणा प्रपत्र और आवेदन भरना होगा। योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं जिनके अनुसार आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदिका अथवा उनके पति आयकरदाता नहीं होना चाहिए और आवेदिका या उनके पति किसी भी प्रकार की सरकारी सेवा (नियमित या संविदा) में कार्यरत नहीं होने चाहिए।
क्रियान्वयन की प्रक्रिया
ग्राम संगठन पात्र महिलाओं से आवेदन प्राप्त कर विशेष बैठक में उनका अनुमोदन करेगा और प्रखंड स्तरीय जीविका इकाई को भेजेगा। इसके बाद सभी आवेदनों को एमआईएस पोर्टल पर दर्ज कर जिला इकाई के माध्यम से मुख्यालय भेजा जाएगा। अंततः जीविका मुख्यालय लाभुकों के आधार से जुड़े बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये राशि हस्तांतरित करेगा। शहरी क्षेत्रों के लिए जीविका द्वारा एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा। इच्छुक महिलाएँ इस पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगी।
प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास
सरकार केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि महिलाओं को स्वरोजगार संचालित करने की क्षमता भी प्रदान करेगी। जीविका द्वारा लक्षित परिवारों को तकनीकी एवं प्रबंधकीय कौशल विकसित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, उद्यम चयन, संचालन और सूक्ष्म कार्य योजना तैयार करने के लिए भी मार्गदर्शन किया जाएगा। इसके लिए संबंधित विभागों और संस्थाओं के साथ साझेदारी की जाएगी।
सतत निगरानी और अतिरिक्त सहायता
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका, योजना की सतत निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश जारी करेंगे। वहीं, रोजगार शुरू करने के बाद महिलाओं की प्रगति का आकलन कर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अलग से दिशा-निर्देश जारी कर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी। इस प्रकार, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना न केवल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करेगी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर परिवार और समाज में आर्थिक योगदान देने का अवसर भी उपलब्ध कराएगी।