नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
मुंगेर। मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक के सेवानिवृत्त शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए शिक्षक दिवस के अवसर पर एक सम्मान समारोह शुक्रवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) संजय कुमार और विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ घनश्याम राय, प्रो (डॉ) अलका, प्राचार्य, साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय प्रोफेसर (डॉ) पूनम कुमारी, मगध महिला कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय, जेआरएस कॉलेज, जमालपुर के प्रभारी प्राचार्य प्रो (डॉ) देवराज सुमन, केएसएस कॉलेज लखीसराय के प्रभारी प्राचार्य प्रो (डॉ) गिरीश चंद्र पांडे, मुंगेर विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रो (डॉ) महेश्वर मिश्रा, विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रो (डॉ) संजय कुमार आदि मौजूद थे।
कुलपति प्रो डाॅ संजय कुमार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है, गुरु का कर्तव्य शिष्य का जीवन निर्माण है और उनका सम्मान जरूर होना चाहिए। एकेडमिक संस्थान में शिक्षकेत्तर कर्मियों का भी संस्था के उत्थान में बराबरी का दर्जा होता है इसलिए सभी को समान रूप से सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही अगले सप्ताह में सिंडिकेट और अकादमिक सीनेट की बैठक आयोजित की जाएगी।
कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि मुंगेर विश्वविद्यालय 5 जिलों – जमुई, शेखपुरा, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर से आए अतिथियों के उपस्थिति से काफी आह्लादित है। कार्यक्रम में सेवानिवृत शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों ने भी अपना वक्तव्य पर प्रस्तुत किया जिसमें रविंद्र कुमार, राम नरेश प्रसाद यादव, प्रो शिवशंकर आजाद, प्रफुल्ल कुमार, रमाकांत सिंह आदि थे।
कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन मुंगेर विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक मुनींद्र कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो डॉ देवराज सुमन ने किया। कार्यक्रम में 300 से अधिक शिक्षक एवं शिक्षाकेत्तर कर्मियों को चादर, मोमेन्टो, प्रतीक चिन्ह, फूलमाला आदि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सीनेट सदस्य डॉ राजकिशोर प्रसाद, क्रीड़ा सचिव डॉ संजय मांझी, एनएसएस स्वयंसेवक अनुष्का श्री, वंशिका, हर्षराज, मो मोदबीर रजनीश, एनएसएस कार्यालय कर्मी सौरभ शांडिल्य और सुमंत कुमार की अहम भूमिका रही। कुलगीत एवं राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।