नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। कुटुंबा प्रखंड में शिव गुरु महोत्सव का आयोजन किया गया। यह आयोजन महेश्वर शिव के गुरू स्वरूप से एक-एक व्यक्ति का शिष्य के रूप में जुड़ाव हो सके इसी बात को सुनाने और समझाने के निमित्त किया गया।
कार्यक्रम में शिव शिष्य साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी के संदेश को लेकर आए कार्यक्रम की मुख्य वक्ता रामेश्वरम मंडल ने कहा कि शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरु हैं। शिव के औढरदानी स्वरूप से धन, धान्य, संतान, सम्पदा आदि प्राप्त करने का व्यापक प्रचलन है तो उनके गुरू स्वरूप से ज्ञान भी क्यों नहीं प्राप्त किया जाय? किसी संपत्ति या संपदा का उपयोग ज्ञान के अभाव में घातक हो सकता है।
रामेश्वरम मंडल ने कहा कि शिव जगतगुरु हैं। अत जगत का एक-एक व्यक्ति चाहे वह किसी धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग का हो शिव को अपना गुरू बना सकता है। शिव का शिष्य होने के लिए किसी पारम्परिक औपचारिकता अथवा दीक्षा की आवश्यकता नहीं है। केवल यह विचार कि “शिव मेरे गुरू हैं” शिव की शिष्यता की स्वमेव शुरूआत करता है। इसी विचार का स्थायी होना हमको आपको शिव का शिष्य बनाता है।
मौके पर अध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह उर्फ गांधीजी, संतोष सिंह, वीरेंद्र सिंह, संतोष सोनी, विनय, सहेंद्र कुमार, बलिराम सिंह, ओंकार सिंह, सत्येंद्र सिंह, ओम जी समेत सैकड़ों की संख्या में महिला–पुरुष मौजूद रहे।