डॉ. कुशवाहा ने सासाराम क्षेत्र के सौ से अधिक पूजा पंडालों का किया दौरा
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
डेहरी-ऑन-सोन/सासाराम। सासाराम विधानसभा क्षेत्र में जदयू नेता और समाजसेवी डॉ. निर्मल कुशवाहा इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं। क्षेत्र की जनता ने उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने की जोरदार मांग की है। नवरात्रि के अवसर पर डॉ. कुशवाहा ने सासाराम क्षेत्र के सौ से अधिक पूजा पंडालों का दौरा कर मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया। इस दौरान श्रद्धालुओं और पूजा समितियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
डॉ. कुशवाहा ने इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि बिहार ने उनके नेतृत्व में विकास की नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुए हैं। महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण, साइकिल योजना और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं ने समाज को नई दिशा दी है। शराबबंदी और महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री की पहल पूरे देश के लिए मिसाल है। जमुहारा, सनौरा, तिलौथू बाबूगंज, सरैया, पंडरिया, रमडिहरा, चितौली, रणजीतगंज, इन्द्रपुरी, रोपहथा, बरवाडीह और भीसड़ा सहित कई गांवों में जनसंवाद के दौरान भी डॉ. कुशवाहा ने नीतीश कुमार के विकास कार्यों की चर्चा की।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सासाराम विधानसभा क्षेत्र में विकास की गति और तेज की जाएगी ताकि यहां के लोग बिहार के स्वर्णिम भविष्य में अपनी सशक्त भागीदारी निभा सकें। स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी डॉ. कुशवाहा को पार्टी टिकट दिए जाने की मांग की है। जदयू सचिव अनुज चौधरी, संतोष कुशवाहा, मंटू सिंह, तेज नारायण पासवान, कमलेश कुमार और गुड्डू पटेल सहित कई नेताओं ने कहा कि यदि उन्हें टिकट दिया जाता है तो एनडीए की जीत सुनिश्चित होगी।
वरिष्ठ कार्यकर्ता मुन्ना कुशवाहा ने कहा, “डॉ. कुशवाहा जनता के सच्चे हितैषी हैं। जब भी किसी को मदद की जरूरत पड़ती है, वे हमेशा आगे आते हैं।” युवक जदयू नेता गुड्डू पटेल ने कहा कि “उनकी लोकप्रियता ही इस बात का प्रमाण है कि सासाराम में पार्टी को मजबूत करना है तो टिकट उन्हें ही मिलना चाहिए।”
वहीं महिला कार्यकर्ता रीता देवी का कहना था कि “महिलाओं की आवाज़ बुलंद करने और उनके सम्मान की रक्षा करने में डॉ. कुशवाहा ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। पूरे इलाके में पूजा पंडालों के भ्रमण के दौरान जिस तरह से जनता ने उनका स्वागत किया, वह इस बात का संकेत है कि सासाराम की जनता अब उन्हें अपनी आवाज़ के रूप में विधानसभा भेजना चाहती है।