नवबिहार टाइम्स संवाददाता
मसौढ़ी। मसौढी के ठाकुरवाडी मंदिर परिसर में आंवले वृक्ष मे भारी संख्या मे श्रद्धालुओं की भीड उमडी, वहीं मसौढी मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में अक्षय नवमी पर सुबह ही महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे पहुंचकर पूजन किया। इसके बाद लोगों ने आंवले के नीचे बैठकर ही प्रसाद ग्रहण किया।
पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया। घरों में सुबह से पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गईं, जहां पर आंवला के पेड़ नहीं थे वहां पर पूजा-अर्चना के लिए लोगों ने अपने घरों पर आंवला की डंडी की व्यवस्था की। इसके साथ ही पूजा के लिए तरह-तरह की वस्तुओं को मंगाया गया। महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे पूजा करने के बाद परिक्रमा लगाई। साथ ही परिवार सुख-समृद्धि की कामना की।
मसौढी के बडी ठाकुरवाडी मंदिर के पुजारी गोपाल पांडे ने बताया की प्राचीन धार्मिक मान्यता है कि आंवला नवमी स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस दिन किया हुआ दान, जप और तप सभी अक्षय होकर मिलते हैं। इनका कभी क्षय नहीं होता हैं। भविष्य, स्कंद, पद्म और विष्णु पुराण के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है।