नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। विश्वसनीयता ही पत्रकारिता की सबसे बड़ी पूंजी है और पत्रकारों को चाहिए की अपनी विश्वसनीयता को किसी भी हालत में बनाए रखें, चाहे कितने भी वित्तीय व्यवसायिक अथवा अन्य दबाव क्यों न हो. यह बात वक्ताओं ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही. इस संगोष्ठी का उद्घाटन औरंगाबाद के अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह तथा प्रभारी सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी अंतरा सिंह ने किया।
इस मौके पर अपर समाहर्ता ने कहा कि सच्ची और सही खबरें जनता के सामने रखना पत्रकारों का दायित्व है और जनता को आज भी मीडिया की बातों पर सर्वाधिक भरोसा है. यह भरोसा मीडिया के ऊपर एक जिम्मेदारी भी लागू करता है. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के जो मापदंड प्रेस काउंसिल आफ इंडिया ने निर्धारित किए हैं उनका अनुपालन हो तो फिर कोई दिक्कत नहीं रह जाएगी. उन्होंने पत्रकारों से उम्मीद जाहिर की कि सभी पत्रकार खबरों की पुष्टि करके ही खबरों का प्रसारण करेंगे।
इस संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिले के वरिष्ठपत्रकारों ने भी खबरों की शुद्धता, तथ्यों की सटीकता और सत्यता की भली-भांति जांच पड़ताल करने के बाद ही न्यूज़ को प्रसारित/प्रकाशित करने की आवश्यकता पर बल दिया. पत्रकारों ने कहा कि आज के दौर में यह देखा जा रहा है कि एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में गलत खबरें भी प्रसारित हो जा रही हैं जिसके लिए मीडिया हाउस को बाद में अफसोस प्रकट करना पड़ रहा है. यह गलत है और जरूरी है कि ऐसी अंध प्रतियोगिता से बचते हुए समाचारों के प्रसारण में पर्याप्त संयम दिखाया जाए और खुद के लिए एक आचार संहिता विकसित की जाए।
इस संगोष्ठी को वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र नारायण सिंह, सनोज पांडे एवं अन्य पत्रकारों ने भी संबोधित किया।