नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के चंद्रगढ़ गांव के निवासी तथा बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय डॉक्टर गुप्तेश्वर प्रसाद सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को एक नया आयाम दिया। यह बात उनके पैतृक गांव स्थित गुप्तेश्वर प्रसाद सिंह–नंद किशोर नारायण सिंह मेमोरियल इंटर कॉलेज परिसर में उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता सुनील सिंह ने की, जबकि संचालन कॉलेज के प्राचार्य दिलीप कुमार सिंह ने किया।
वक्ताओं ने कहा कि गुप्तेश्वर बाबू शिक्षा के क्षेत्र में सदैव सक्रिय रहे और उन्होंने चरित्र निर्माण करने वाली शिक्षा पर विशेष जोर दिया। बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई ऐसे प्रतिमान स्थापित किए, जिनका पालन आज भी किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि उनकी सकारात्मक सोच का ही परिणाम था कि चंद्रगढ़ जैसे ग्रामीण क्षेत्र में बीएड कॉलेज और इंटर कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना संभव हो सकी। गुप्तेश्वर बाबू का मानना था कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का आधार है और एक शिक्षित व्यक्ति ही एक योग्य नागरिक बन सकता है। बीएड कॉलेज के सचिव पंकज कुमार सिंह ने संदेश के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त प्राचार्य सच्चिदानंद सिंह, सेवानिवृत्त प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह और युगल किशोर सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अभय वैद्य, श्याम बिहारी सिंह, राजेश कुमार सिंह, ललित राम, अर्जुन कुमार, सर्जन कुमार, आंचल नारायण सिंह, पैक्स अध्यक्ष सर्वेश सिंह, पूर्व पैक्स अध्यक्ष कृष्णा सिंह सहित कई प्रबुद्ध नागरिक मौजूद थे। वक्ताओं ने स्वर्गीय गुप्तेश्वर प्रसाद सिंह के शिक्षा के प्रति योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन और कार्य आज भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत है।