नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय रेल ने स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का अंतिम उच्च गति परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह हाई-स्पीड ट्रायल रेलवे सुरक्षा आयुक्त की निगरानी में कोटा–नागदा सेक्शन पर किया गया, जिसमें ट्रेन ने अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार हासिल की। यह उपलब्धि उन्नत और आत्मनिर्भर रेल तकनीक की दिशा में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है। परीक्षण के दौरान ट्रेन के विभिन्न तकनीकी मानकों का गहन मूल्यांकन किया गया।
इसमें राइड स्टेबिलिटी, दोलन और कंपन व्यवहार, ब्रेकिंग परफॉर्मेंस, आपातकालीन ब्रेकिंग सिस्टम, सुरक्षा प्रणालियां तथा अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू शामिल थे। उच्च गति पर ट्रेन का प्रदर्शन पूरी तरह संतोषजनक पाया गया और रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा ट्रायल को सफल घोषित किया गया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हाई-स्पीड ट्रायल का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो में 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का सफल परीक्षण दिखाया गया, साथ ही वाटर-ग्लास स्टेबिलिटी डेमोंस्ट्रेशन भी प्रदर्शित किया गया। इसमें पानी से भरे गिलास तेज रफ्तार में भी बिना छलके स्थिर रहे, जिससे ट्रेन की उत्कृष्ट राइड क्वालिटी, उन्नत सस्पेंशन सिस्टम और तकनीकी मजबूती स्पष्ट हुई।
इस परीक्षण में उपयोग की गई 16 कोचों वाली वंदे भारत स्लीपर रेक को लंबी दूरी की यात्री सेवा के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसमें आरामदायक स्लीपर बर्थ, उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, स्वचालित दरवाजे, आधुनिक शौचालय, अग्नि पहचान और सुरक्षा निगरानी प्रणाली, सीसीटीवी आधारित निगरानी, डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली और ऊर्जा-कुशल तकनीकें शामिल हैं। सीआरएस हाई-स्पीड ट्रायल की सफलता वंदे भारत स्लीपर सेवाओं के संचालन का मार्ग प्रशस्त करती है और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के तहत नवाचार, सुरक्षा और स्वदेशी रेल निर्माण के प्रति भारतीय रेल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।