नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। बिहार पोस्टल सर्कल ने रविवार को पटना जीपीओ में विश्व के पहले डाक टिकट कॉपर टिकट के जारी होने के 250 साल पूरे होने का जश्न अद्वितीय उत्साह और उमंग के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियाँ, डाक टिकट संग्रहकर्ता और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में न्यायमूर्ति राकेश कुमार, पद्मश्री बिमल कुमार जैन, डॉ. रास बिहारी प्रसाद सिंह, पूर्व कुलपति, पटना विश्वविद्यालय, सुभाष कुमार पटवारी, अध्यक्ष, बीसीसीआई और प्रसिद्ध शिक्षाविद् खान सर जैसी प्रतिष्ठित हस्तियाँ शामिल हुई | इस ऐतिहासिक पल पर न्यायमूर्ति राकेश कुमार ने कहा कि यह बिहार के लिए गौरव का पल है जो बताता है कि हमारा अतीत कितना समृद्ध था. उन्होंने बिहार डाक परिमंडल की प्रशंसा की एवं डाक विभाग के जनमानस के प्रति भूमिका की सराहना की |
इस अवसर पर बिहार डाक परिमंडल के मुख्य डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि हम इस विशेष कवर को जारी करने के लिए अत्यंत उत्साहित है, जो कि हमारी डाक संस्कृति एवं इतिहास के लिए एक सच्ची एवं समृद्ध श्रद्धांजलि है | श्री कुमार ने मीडिया को कॉपर टिकट के इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी | उन्होंने कहा कि तांबे का टिकट रोमांच और आश्चर्य का प्रतीक है जिसने पीढ़ियों के दिलों और कल्पनाओं पर कब्जा कर लिया है। इस विशेष आवरण के साथ, हम इसके शाश्वत आकर्षण को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस मौके पर दीन दयाल स्पर्श योजना एवं ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता के विजेता छात्र – छात्राओं को पुरस्कार दिया गया |
साथ ही साथ, मेहमानों और उपस्थित लोगों को “संचार की कहानी, डाक टिकट की ज़ुबानी” के रूप में डाक टिकट के इतिहास के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शनी के माध्यम से देखने का अवसर भी मिला | बिहार डाक सर्कल की विरासत, वाले छोटे वीडियो क्लिप / वृत्तचित्र, पोस्ट ऑफिस की यात्रा, जर्नी ऑफ स्टाम्प आदि भी बड़े पर्दे पर चलाये गये। आगंतुकों के लिए एक माई स्टाम्प काउंटर भी स्थापित किया गया था जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति खुद का डाक टिकट बनवा सकता है|इस अवसर पर पवन कुमार, निदेशक, डाक सेवाएं (मुख्यालय), बिहार सर्कल, शंभु सिंह, मुख्य डाकपाल, पटना जीपीओ, अनिल कुमार, उप मुख्य डाकपाल (प्रशासन), पटना जीपीओ, नवीन कुमार, सहायक निदेशक (बीडी), प्रणव मोहन, इंस्पेक्टर पोस्ट, पटना जीपीओ एवं पटना जीपीओ के सभी कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे |