औरंगाबाद। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लाभुक सावधान हो जाए। जिन्होंने ऋण वापस नहीं किया उनके खिलाफ़ जिला उद्योग केन्द्र केस दर्ज करेगी और उनकी संपत्ति जब्त करेगी। विदित हो कि जिले में सीएम नीतीश की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत ऋण लेकर उद्योग नहीं लगाने वाले या फिर योजना की राशि को किस्तों में वापस नहीं करने वाले डिफाल्टर पर ‘पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट’ के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने एवं राज्य के आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के उदेश्य से बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरूआत मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमी योजना केरूप में 2018 में की गई। तत्पश्चात 2020 में मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना, 2021 में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना तथा 2023 में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजन प्रारम्भ की गई।
इस योजना में अपना उद्योग एवं व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्योग विभाग द्वारा बेरोजगार युवकों को अधिकतम 10 लाख का ऋण तीन किस्तों में दिया जाता है। ऋण राशि का आधा अनुदान के रूप में होता है। आधी राशि 7 वर्षों में 84 किस्तों में चुकानी होती है। वसूली योग्य राशि के किस्त का भुगतान अंतिम राशि मिलने के 1 वर्ष के बाद प्रारम्भ हो जाता है।
जिन लाभुकों का ऋण किस्त वापसी का समय शुरू हो गया है उन्हें किस्त की राशि, बकाया किस्तों की संख्या कुल भुगतेय राशि की सूचना सम्पर्क करके, दूरभाष द्वारा, पत्र के माध्यम से एवं व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर दी गई है। लेकिन खेद के साथ कहना है कि जिले के अधिकतर लाभूकों द्वारा अपनी किस्त की राशि वापस नहीं की जा रही है। उद्यमी के सुविधा के लिए उद्यमी पोर्टल पर ही ऑनलाईन भुगतान की सुबिधा दी गई है। वसूली की प्रकिया को तेज करने के लिए 15.07.2024 को जिला उद्योग केन्द्र, औरंगाबाद में रिक्वरी कैंप का आयोजन किया गया। महाप्रबंधक द्वारा सभी लाभुकों से अविलम्ब ऋण वापसी का अनुरोध किया गया है नहीं करने पर पीडीआर एक्स के तहत मामला दर्ज किया जायेगा।