पटना। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
अगर आपकी पैतृक जमीन का खतियान आपके पास नहीं है तो वह जिले के रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध है। वहां पर सभी जमीनों का खतियान हमेशा उपलब्ध रहता है।
जमीन सर्वे के लिए अपना खतियान हासिल करना है तो रिकॉर्ड रूम में जाकर वहां के बड़ा बाबू से संपर्क करें और अपनी जमीनों का खाता, खेसरा एवं थाना नंबर देकर चिरकुट फाइल कर दें। चिरकुट में दर्ज खाता, खेसरा से वहां पर पदस्थापित कर्मी आपकी जमीन का खतियान खोज देंगे जिसका पक्का नकल आपको उपलब्ध करा दिया जाएगा।
हालांकि निबंधन कार्यालय व जिला अभिलेखागार से कागजात निकालने के लिए लोगों को भीड़ कार्यालय के खुलते ही गेट पर जमा हो जा रही है। जमीन सर्वे के टेंशन में लोगों की नींद भी उड़ गई है। कई सारे गरीब किसानों के साथ सर्वे के नाम पर उनका दोहन भी किया जा रहा है।
इधर जमीन पर मालिकाना हक साबित करने के लिए लोगों को वंशावली के अलावा अमीन शिड्यूल, मृत पिता या दादा का मृत्यु प्रमाण पत्र एवं नया–पुराना सर्वे खतियान भी निकलवाना है जिसमें हजारों रुपए खर्च हो रहे हैं।
विदित हो कि बिहार में बीते 20 अगस्त से 45 हजार गांवों में जमीन सर्वे का काम शुरू हो गया है। इसके कारण अपनी जमीन के खतियान की कॉपी निकलवाने के लिए प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में लोग चिरकुट फाइल कर रहे हैं।