नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। हर साल की तरह इस साल भी शहर के वार्ड नंबर 14 स्थित जनता अखाड़ा शाहपुर पर अस्त्र–शस्त्र पूजन समारोह का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न अखाड़ों के उस्ताद अपने अस्त्र–शस्त्र के साथ उपस्थित हुए। जनता अखाड़ा के संरक्षक प्रकाश गुप्ता ने बताया कि समारोह में आए सभी उस्तादों को बारी-बारी से अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद सभी ने अपने हथियार की प्रदर्शनी दिखाई।
संरक्षक प्रकाश गुप्ता ने कहा कि दशहरा में हर वर्ष यह आयोजन किया जाता है। इस दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध कर माता सीता को दशानन की कैद से मुक्ति दिलाई थी। प्रभु श्रीराम ने युद्ध पर जाने से पहले हथियारों का पूजन किया था। वहीं मां दुर्गा ने भी महिषासुर नाम के राक्षस का वध इस दिन कर बुराई का अंत किया था। इसके बाद उनके हथियारों का पूजन देवताओं ने किया था।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में राजा युद्ध पर जाने के लिए पूरे वर्ष दशहरे के दिन का ही इंतजार करते थे, कहा जाता था- इस दिन युद्ध पर जाने से विजय मिलती है। युद्ध पर जाने से पहले हथियारों का पूजन किया जाता था। राजा, सेनापति और सैनिक हथियारों का पूजन कर युद्ध पर निकलते थे।