नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। शहर के अनुग्रह नारायण सिन्हा मेमोरियल कॉलेज परिसर में तीन दिवसीय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय औरंगाबाद के चैतन्य देवियों की झांकी की शुरुआत सप्तमी से होगी। हर साल की भांति इस साल भी चैतन्य देवियों की झांकी सप्तमी, अष्टमी व नवमी को संध्या 7 बजे से शुरू होगी।
केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि झांकी में सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारी निराली छटा लिए उदित होती है। इसके बाद दुर्गा, गायत्री, सरस्वती, वैष्णवी सुरम्य पहाड़ियों से निकलती हैं तो काली और उमा भी सुंदर गुफाओं से निकलती हैं। इन चैतन्य देवियों की निराली छटा, योगयुक्त स्थिति, जड़चित्र समान मनमोहक दृश्य को देखकर दर्शक अपने आपमें विश्वास ही नहीं कर पाते कि ये चैतन्य देवियां हैं या मिट्टी की मूर्तियां।
इस भव्य व अद्भुत चैतन्य देवियों की झांकी का दृश्य देखने दर्शकों की भीड़ बड़ी संख्या में हर वर्ष उमड़ती है। उन्होंने बताया कि इस सुंदर झांकी का मुख्य उद्देश्य मानव मन के अंदर एकाग्रता लाना है क्योंकि आज मानव में एकाग्रता खत्म हो चुका है, जबकि एकाग्रता आज जीवन के हर क्षेत्र में चाहिए। एकाग्रता ही हमारे जीवन में सफलता का आधार है और एकाग्रता आती है राजयोग का निरन्तर अभ्यास करने से। राजयोग का अभ्यास प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईशवरीय विश्वविद्यालय में रोजाना कराया जाता है, जो कि बिल्कुल निशुल्क है।
ब्रह्माकुमार कमलेश भाई ने बताया कि चैतन्य देवियों की झांकी की तैयारी अंतिम चरण में है। पंडाल का निर्माण हो चुका है। झांकी के अलावा यहां पर स्टॉल लगाकर लोगों को नशा मुक्ति के बारे में भी बताया जाता है क्योंकि आज नशे के कारण कई युवाओं का भविष्य अंधकार में चला जा रहा है।