औरंगाबाद जिले में किसी भी परियोजना के लिए अब तक का सबसे बड़ा निवेश
नयी दिल्ली/पटना/औरंगाबाद। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
केंद्र सरकार ने औरंगाबाद तथा बिहार को एक बड़ा तोहफा देते हुए एनटीपीसी नवीनगर में 800- 800 मेगावाट क्षमता की तीन नई इकाइयों के निर्माण को मंजूरी दे दी है. यहां पहले से ही 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का संयंत्र कार्यरत है और इस प्रकार 2400 मेगावाट उत्पादन क्षमता बढ़ जाने से इस परियोजना की कुल उत्पादन क्षमता 4380 मेगावाट हो जाएगी. इस प्रकार 4380 मेगावाट उत्पादन क्षमता के साथ एनटीपीसी नवीनगर भारत की दूसरी सबसे बड़ी थर्मल पावर परियोजना हो जाएगी. इस परियोजना की मंजूरी की महत्ता इसी बात से लगाई जा सकती है कि एनटीपीसी नबीनगर स्टेज 2 के रूप में दी गई इस मंजूरी से 25000 करोड़ से अधिक का निवेश औरंगाबाद जिले में होगा. औरंगाबाद जिले में अब तक किसी भी परियोजना के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है. केंद्र सरकार और उर्जा मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शीघ्र ही इस 2400 मेगावाट उत्पादन क्षमता विस्तार के लिए निविदा प्रकाशित की जाएगी।
औरंगाबाद की तस्वीर बदल देगा 25000 करोड़ का निवेश
नवीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन के स्टेज 2 के तहत 8800 मेगावाट की तीन इकाइयां यानी कुल 2400 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली परियोजना को धरती पर उतारने के लिए 25000 करोड़ से अधिक का निवेश औरंगाबाद में किया जाएगा. औरंगाबाद जिले में किसी भी परियोजना के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा. इस निवेश से इस पूरे इलाके की तस्वीर बदल जाएगी. एक तो इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि को मजबूती मिलेगी, वहीं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे. पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना तथा सामाजिक निगमित दायित्व (सीएसआर) के तहत क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में भी काफी मदद मिलेगी और इस मद में जिले में, खासकर परियोजना प्रभावित क्षेत्र में करोड़ों रुपए से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. इतनी बड़ी परियोजना के लिए व्यापक मानव संसाधन की आवश्यकता होगी और इस निवेश से प्रत्येक आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहन मिलेगा. फिलहाल नवीनगर में दो विद्युत परियोजनाएं संचालित हो रही हैं जिसमें एक भारतीय रेल और एनटीपीसी का संयुक्त उपक्रम भारतीय रेल बिजली कंपनी है तथा दूसरा एनटीपीसी के संपूर्ण स्वामित्व वाला नवीनगर थर्मल पावर स्टेशन है जिसकी वर्तमान उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट है. इन दो परियोजनाओं के निर्माण से ही औरंगाबाद की तस्वीर बदल गई है और अब जबकि इन परियोजनाओं से भी ज्यादा बड़ी परियोजना को मंजूरी मिली है तो यह आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के विकास में कितना बड़ा बदलाव आएगा तथा आधारभूत संरचना का भी किस हद तक विकास होगा. स्टेज 2 में बड़े पैमाने पर राशि का निवेश होने के कारण और इसके पूर्ण होने पर बिहार को विभिन्न प्रकार के कर मद में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का राजस्व बढ़ेगा।
नवीनगर सुपर थर्मल पावर परियोजना होगी देश की सबसे दूसरी बड़ी परियोजना
नवीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन के स्टेज 2 के तहत 8–8 सौ मेगावाट की तीन इकाइयां यानी कुल 2400 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली परियोजना को मंजूरी मिल गई है और इसकी शीघ्र ही निविदा प्रकाशित की जाएगी ।इस स्टेज के पूरा हो जाने पर नबीनगर सुपर थर्मल पावर परियोजना देश की सबसे दूसरी बड़ी परियोजना होगी । इस परियोजना से कुल 4380 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा । अभी वर्तमान में विंध्याचल सुपर थर्मल पावर स्टेशन देश का प्रथम सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है जहां लगभग 4800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है । उल्लेखनीय है कि नवीनगर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट में पहले चरण में 660-660 मेगावाट की तीन इकाइयां स्थापित की गई हैं जो वर्तमान में कुल 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही हैं. इस थर्मल पावर स्टेशन की उत्पादन क्षमता में 2400 मेगावाट की वृद्धि होने के बाद इस परियोजना का दर्जा सुपर थर्मल पावर स्टेशन से बदलकर मेगा थर्मल पावर स्टेशन हो जाएगा जिससे इस परियोजना को मशीनरींयों एवं निर्माण आदि में कर की छूट के अलावा कई अन्य प्रकार की सुविधा हासिल होती रहेगी।
बिहार को इस परियोजना से होगा जबरदस्त लाभ
बिहार को नवीनगर प्रोजेक्ट के स्टेज 2 के निर्माण से जबरदस्त फायदा होने वाला है. बिहार को वर्तमान में बिजली की जो आवश्यकता होती है या अन्य राज्यों की बिजली परियोजनाओं पर निर्भरता रहती है, वह इस परियोजना के बनने से दूर हो जाएगी ।साथ ही अगले 4 वर्षों के भीतर जो बिहार में बिजली की मांग बढ़ेगीऔर जो आवश्यकता होगी उसकी पूर्ति इस परियोजना के माध्यम से आसानी से हो सकेगी ।बिहार को बिजली के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा बल्कि अपने ही राज्य खासकर औरंगाबाद में उत्पादित 4380 मेगावाट बिजली से राज्य की बिजली आवश्यकताओं की आधा से अधिक पूर्ति हो सकेगी ।स्टेज 2 में बड़े पैमाने पर राशि का निवेश होने के कारण और इसके पूर्ण होने पर बिहार को विभिन्न प्रकार के कर मद में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का राजस्व बढ़ेगा।
नई इकाइयों की स्थापना में नहीं होगी कोई परेशानी
नवीनगर एनटीपीसी बिजली घर की उत्पादन क्षमता में विस्तार में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और निविदा फाइनल होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा क्योंकि कई सुविधाएं और संसाधन इस परियोजना के पास पहले ही उपलब्ध हैं. उदाहरण के तौर पर आज भी इस परियोजना के पास 1400 एकड़ सर प्लस जमीन है. यानी इतनी जमीन के लिए अधिग्रहण की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं करनी होगी. इसके साथ-साथ बुनियादी आधारभूत संरचनाओं जैसे रेलवे ट्रैक का निर्माण, वॉटर पाइपलाइन का निर्माण, कूलिंग पॉन्ड आदि का निर्माण नए सिरे से नहीं करना होगा और एनटीपीसी नवीनगर के वर्तमान इंफ्रास्ट्रक्चर में ही आशिक विस्तार कर काम चल जाएगा. सबसे बड़ी समस्या भूमि अधिग्रहण की होती है जो पहले ही यहां निष्पादित की जा चुकी है. इसलिए भी 800 मेगावाट की तीन यूनिट यानी 2400 मेगावाट उत्पादन के लिए एनपीसी नवीनगर से बेहतर विकल्प कोई और नहीं था. इसके साथ-साथ सुरक्षा पर भी अतिरिक्त राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि यहां पहले से ही सारे इंतजाम हैं. जमीन समेत कई सारे संसाधन पहले से मौजूद होने और कोयला के आवंटन के लिए कोलियरियों के प्लांट से नजदीक होने के कारण बिजली के उत्पादन खर्च में कमी आएगी । इस कारण यहां उत्पादित बिजली सस्ती होगी जिसका सीधा लाभ बिहार और उपभोक्ताओं को मिलेगा । इस प्रकार से एनटीपीसी नवीनगर में नई यूनिटों का निर्माण खुद एनटीपीसी के लिए बेहद लाभदायक है. इसी को ध्यान में रखते हुए यहां क्षमता विस्तार को मंजूरी दी गई।