सड़क और बुनियादी ढांचे में हुआ है बड़ा सुधार
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में राज्य का 19वां आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 को सदन पटल पर रखा। उन्होंने राज्य की अर्थव्यवस्था की स्थिति और विकास की दिशा की चर्चा करते हुए बताया कि 2023-24 में बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वर्तमान मूल्य पर 8,54,429 करोड़ और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 4,64,540 करोड़ अनुमानित है। जबकि वर्ष 2023-24 में जीएसडीपी में 14.5 फीसदी की वृद्धि (वर्तमान मूल्य पर) और 9.2 फीसदी की वृद्धि (स्थिर मूल्य पर) दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार प्रतिव्यक्ति आय वर्ष 2023-24 में स्थिर मूल्य पर 36,333 और वर्तमान मूल्य पर 66,828 हो गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य का कुल व्यय 2023-24 में 2.52 लाख करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹2.79 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
वहीं, विकास मूलक व्यय 1.69 लाख करोड़ से बढ़कर 1.77 लाख करोड़ हो जाएगा। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार ने राजकोषीय घाटे को कम किया है, जो 2022-23 में 44,823 करोड़ था और 2023-24 में घटकर 35,660 करोड़ रह गया। 2024-25 में यह 29,095 करोड़ होने का अनुमान है। जबकि राजस्व बचत 2023-24 में 2,833 करोड़ रही और 2024-25 में 1,121 करोड़ रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में सुधार होने से चावल का उत्पादन 21 फीसदी और गेहूं का उत्पादन 10.7 फीसदी बढ़ा है। वहीं, सितंबर 2024 तक, बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एसआईपीबी) को 75,293.76 करोड़ के निवेश के 3,752 प्रस्ताव प्राप्त हुए। उन्होंने बताया कि सड़क और बुनियादी ढांचे में बड़ा सुधार हुआ है। इसके तहत ग्रामीण संपर्क सड़कों की लंबाई 835 किमी से बढ़कर 1.17 लाख किमी हो गई है। जबकि नए द्रुतमार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण से राज्य में यातायात व्यवस्था का विस्तार हो रहा है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि डिजिटल प्रशासन और ऊर्जा क्षेत्र में भी काफी सुधार हुआ है। इसके लिए सरकार ने ई-प्रशासन को बढ़ावा देते हुए सीसीटीएनएस, सीएफएमएस, साइबर सेल, ई-चालान जैसी तकनीकों को अपनाया। इसके साथ ही ऊर्जा की प्रति व्यक्ति खपत 134 किलोवाट-घंटे (2012-13) से बढ़कर 363 किलोवाट-घंटे (2023-24) हो गई। वहीं, तकनीकी और व्यावसायिक (एटी एंड सी) हानि 45 फीसदी से घटकर 21.7 फीसदी हो गई है। इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण और वित्तीय क्षेत्र में भी प्रगति हुई। इसमें 1,063.5 हजार स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) गठित किए गए। 2,198.4 हजार एसएचजी को 46.9 हजार करोड़ का संचित ऋण प्रदान कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया गया।
वित्त मंत्री ने बताया कि 2024-25 तक कुल जमा राशि 5.27 लाख करोड़ थी, जिसमें से 2.97 लाख करोड़ ऋण के रूप में वितरित किया गया और ऋण-जमा अनुपात 56.3 फीसदी रहा। जबकि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश हुए है। इसके तहत गत 18 वर्षों में शिक्षा पर खर्च 10 गुना, स्वास्थ्य पर 13 गुना और सामाजिक सेवाओं पर 13 गुना बढ़ा है। जबकि बाल कल्याण बजट वर्ष 2013-14 से शुरू किया गया और 2016-23 के बीच इसमें 19.4 फीसदी वार्षिक वृद्धि हुई। इसके साथ ही हरित बजट और जल-जीवन-हरियाली मिशन जैसी योजनाओं को लागू कर राज्य में जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोशिशें की गई हैं।