नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। पिछले माह की 28 तारीख को एक व्यक्ति के बैंक खाते से 2.30 लाख रुपये ऐसी परिस्थिति में निकाल लिए गए, जब न तो कोई ओटीपी आया और न ही मोबाइल पर कोई एसएमएस अलर्ट। पीड़ित ने थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, माली थाना के निवासी विद्यानंद पाण्डेय ने थाने में दिए आवेदन में बताया कि उनका खाता एमजी रोड स्थित एचडीएफसी बैंक की शाखा में है। उनके खाते में पहले से 59,830.64 रुपये जमा थे। इसके बाद करीब 3 लाख रुपये लोन के माध्यम से उनके खाते में ट्रांसफर हुए, फिर थोड़ी ही देर बाद खाते से अनाधिकृत रूप से 2,30,000 रुपये निकाल लिए गए। यह राशि उनके खाते से सात बार में निकाली गई। 50-50 हजार की चार निकासी और 10-10 हजार की 3 निकासी हुई। घटना के समय उन्हें न कॉल आया, न ओटीपी।
उनके मोबाइल पर जब पहली राशी के निकासी का मेसेज आया तो आनन-फानन में उन्होंने अपने बैंक से सम्पर्क साधा। वहां से उन्हें तुरंत कस्टमर केयर को फोन कर शिकायत दर्ज करने की सलाह दी गयी। विद्यानंद पाण्डेय ने कस्टमर केयर को सारी बात बताई जिसके बाद केयर वालों ने उनका डेबिट-क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन ब्लॉक किया। इसके बाद उन्होंने नगर थाने के साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
कुछ दिन पहले डीएवी स्कूल के शिक्षकों के खातों से भी हजारों–लाखों रुपये की निकासी की गई थी। कई पीड़ितों ने बताया कि उन्हें किसी तरह की अलर्ट जानकारी नहीं दी गई, जबकि अपराधियों ने चतुराई से रकम उड़ा ली। स्थानीय लोगों और जानकारों का कहना है कि साइबर अपराधी अब तकनीकी रूप से बेहद सक्षम हो चुके हैं और सामान्य उपयोगकर्ता अनजाने में उनकी जाल में फंसते जा रहे हैं।
विद्यानंद पाण्डेय ने थाने में दिए गए आवेदन में अनुरोध किया है कि साइबर सेल और बैंक की मदद से इस रकम की रिकवरी कराई जाए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन से भी अपील की कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और जागरूकता अभियान चलाया जाए।