जरुरी परीक्षण का कार्य हुआ पूरा, टेंडर प्रक्रिया भी जारी, जल्द शुरू होगा फेज–2 का निर्माण
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के नवीनगर और बारून प्रखंड की सीमा पर स्थापित एनटीपीसी लिमिटेड की सुपर थर्मल पावर परियोजना अपने विस्तार के साथ बिहार की पहली मेगा अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल बिजली परियोजना हो जाएगी। यहाँ दूसरे फेज में 800–800 मेगावाट विद्युत् उत्पादन की तीन यूनिटें स्थापित की जानी हैं जिससे इस प्रोजेक्ट की कुल बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ कर 4380 मेगावाट हो जाएगी. फिलहाल इस परियोजना की 3 यूनिटों से 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. दूसरे फेज के लिए तमाम जरुरी परिक्षण किये जा चुके हैं और फिलहाल ये विस्तार टेंडर प्रक्रिया में है. शीघ्र ही दूसरे फेज का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है. नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन के स्टेज 2 यानी इस परियोजना की कुल 6 इकाइयों के पूरा हो जाने और इससे बिहार को सस्ती बिजली मिलने से प्रतिवर्ष करीब 400 करोड़ रुपए की बचत अथवा फायदा होगा।
इस सम्बन्ध में एनटीपीसी के मुख्य महाप्रबंधक सह परियोजना प्रमुख चंदन कुमार सामंता ने शनिवार को प्रेस वार्ता में ये जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए निविदा प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। सभी इकाइयों के पूरी तरह स्थापित हो जाने के बाद यहां की कुल उत्पादन क्षमता बढ़कर 4380 मेगावाट हो जाएगी और इस प्रकार यह परियोजना बिहार का पहला मेगा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट हो जाएगी। श्री सामंता ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से कोयला खदान के काफी नजदीक होने तथा अन्य संसाधनों के यहां सुलभ होने से नबीनगर थर्मल पावर प्रोजेक्ट में उत्पादित बिजली काफी सस्ती है और यहां उत्पादित बिजली का सर्वाधिक हिस्सा बिहार को मिल रहा है। यहां की सस्ती बिजली मिलने के कारण बिहार को काफी लाभ हो रहा है और आने वाले दिनों में बिहार को अन्य राज्यों से बिजली खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
निविदा प्रक्रिया पूर्ण होते ही एनएसटीपीएस में शुरू होगा स्टेज-2 पर काम
देश की बिजली राजधानी के रूप में चर्चित हो रहा औरंगाबाद का नबीनगर शीघ्र ही विद्युत उत्पादन के मामले में बिहार ही नही बल्कि देश का भी गौरव बनेगा। यह गौरवपूर्ण पल तब आएगा जब यहां एनटीपीसी लिमिटेड की इकाई नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन(एनएसटीपीएस) में स्टेज-2 के तहत 800-800 मेगावाट की तीन ताप विद्युत उत्पादन इकाईयों की स्थापना का काम पूरा हो जाएगा। स्टेज-2 के निर्माण के बाद इस प्लांट की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 1980 से बढ़कर 4380 मेगावाट हो जाएगी। इस वजह से यह देश के प्रमुख पावर प्लांटों में से एक बन जाएगा। स्टेज-2 के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू, टेंडर पूरा होते ही शुरू होगा काम-एनएनसटीपीएस के मुख्य महाप्रबंधक सह परियोजना प्रमुख चंदन कुमार सामंता ने शनिवार को प्रेसवार्ता में बताया कि एनटीपीसी, नबीनगर स्टेज-2 के निर्माण के बाद बिहार का पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट होगा। इस स्थिति में यह विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में बिहार ही नही बल्कि देश का भी गौरव बनेगा। उन्होंने कहा कि स्टेज-2 के निर्माण के लिए प्राथमिक प्रक्रिया के तहत ग्लोबल टेंडर हो चुका है। टेंडर फाईनल होने के बाद शीघ्र ही कार्य शुरू हो जाएगा।
दिसंबर 2026 तक एफजीडी संयंत्र की स्थापना के साथ प्लांट पूरी तरह होगा प्रदूषण मुक्त
परियोजना प्रमुख ने कहा कि एनएसटीपीएस परियोजना में प्रदूषण का स्तर बेहद कम है। इसके बावजूद हम प्रदूषण को शून्य स्तर पर लाने का काम कर रहे है। इसके तहत परियोजना में एफजीडी (फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन) संयंत्र की स्थापना का काम तेजी से चल रहा है और इसके दिसंबर-2026 तक पूरा हो जाने की पूरी संभावना है। एफजीडी संयंत्र की स्थापना के बाद यह पावर प्लांट पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त प्लांट बन जाएगा। 2023-24 में हुआ रिकॉर्ड 14411 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन-सामंता ने कहा कि एनएसटीपीएस विद्युत उत्पादन के मामले में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। 1980 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता वाला यह प्लांट बिहार में विद्युत आपूर्ति में अहम योगदान दे रहा है। परियोजना ने पिछले वित्तीय वर्ष-2023-24 में 14 हज़ार मिलियन यूनिट (14411 एमयू) से भी ज्यादा विद्युत उत्पादन कर अपनी संचालन की सफलता का शानदार प्रदर्शन किया है। इसी वित्तीय वर्ष में परियोजना का प्लांट लोड फैक्टर(पीएलएफ) 82.86 प्रतिशत रहा, जो इसकी उत्कृष्टता को दर्शाता है।
ग्रामीण विकास में भी योगदान दे रहा एनटीपीसी नबीनगर
परियोजना प्रमुख ने कहा कि एनटीपीसी नबीनगर ग्रामीण विकास में भी तत्परता से अपना योगदान दे रहा है। पावर प्लांट द्वारा नैगमिक सामाजिक उत्तरदायित्व और सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माद्ययम से 40 से अधिक गांवो में विकास को गति दी जा रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत सुविधा और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में लगातार प्रयासों से हम ग्रामीण क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी लिख रहे है। हमारे तत्पर प्रयासों से ग्रामीण इलाको में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
देश की उर्जा राजधानी बन के उभर रहा औरंगाबाद, एक जिले में होगा 5402 मेगावाट उत्पादन
औरंगाबाद जिला बिहार की उर्जा राजधानी और भारत का गौरव बन कर उभर रहा है. देश के किसी भी जिले में दो-दो बड़े पावर प्लांट स्थापित नही है। औरंगाबाद ही एकमात्र ऐसी जगह है, जहां दो बड़े पावर प्लांट स्थापित है और दोनों प्लांटों से कुल मिलाकर अभी 2980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इतनी बड़ी मात्रा में बिजली का उत्पादन देश के किसी भी एक जिले के विद्युत उत्पादन संयंत्रों से नही हो रहा है। इन परियोजनाओं में सबसे बड़ी परियोजना नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्लांट(एनएसटीपीएस) है। इस प्लांट से 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो है। साथ ही इसी परियोजना के स्टेज-2 के तहत 800-800 मेगावाट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता वाली तीन नई ईकाइयों की स्थापना होने जा रही है। इस स्थिति में स्टेज-2 का काम पूरा होने के बाद अकेले इस परियोजना से कुल 4380 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। वही नबीनगर में ही स्थापित भारतीय रेल और एनटीपीसी लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल) की एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली ताप विद्युत परियोजना स्थापित है। साथ ही यहां भी 22 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना की जानी है। इस लिहाज से वर्तमान में नबीनगर से अकेले 2980 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है जबकि एनटीपीसी नबीनगर में तीन नई इकाईयों और बीआरबीसीएल में 22 मेगावाट क्षमता वाले सौर विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना होने से नबीनगर की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5402 मेगावाट हो, जाएगी जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा।
इस प्रेसवार्ता में एनटीपीसी, नबीनगर के महाप्रबंधक (ओ एंड एम) केडी यादव, महाप्रबंधक (ऑपरेशन) एके त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।