नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
गया। 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, गया परिसर में शनिवार को सशस्त्र सीमा बल का 62वां स्थापना दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर उप महानिरीक्षक विशेष प्रचालन मानवेन्द्र ने सभी बलकर्मियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और महानिदेशक सशस्त्र सीमा बल का संदेश पढ़कर सुनाया। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि सशस्त्र सीमा बल की स्थापना वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी।
बल की तैनाती का मुख्य उद्देश्य भारत की संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेषकर नेपाल और भूटान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर पूर्ण सुरक्षा और सतर्कता सुनिश्चित करना है। साथ ही सीमावर्ती आबादी में राष्ट्रवाद की भावना जागृत करना भी बल की अहम जिम्मेदारी रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय लोग देश की सहायता के लिए आगे आ सकें।

उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल और भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रखवाली करते हुए घुसपैठ और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को रोकना, सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की भावना पैदा करना तथा राष्ट्रीय एकता कार्यक्रमों के माध्यम से जन समर्थन जुटाना सशस्त्र सीमा बल की प्रमुख भूमिकाओं में शामिल है। इसके साथ ही सीमा पार से होने वाली तस्करी, नकली नोटों के प्रसार और अन्य अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण भी बल की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करना, उनकी संस्कृति और लोकाचार को समझना तथा उन्हें प्रेरित करना भी बल के कार्यों का अहम हिस्सा बताया गया। कार्यक्रम के बाद उप महानिरीक्षक मानवेन्द्र जवानों के साथ बड़ाखाना में शामिल हुए और इस दौरान बलकर्मियों के साथ अनौपचारिक बातचीत भी की।
समारोह में क्षेत्रक मुख्यालय विशेष प्रचालन सशस्त्र सीमा बल गया के द्वितीय कमान अधिकारी अंजय रजक, 29वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल गया के द्वितीय कमान अधिकारी रविशंकर कुमार सहित क्षेत्रक मुख्यालय और 29वीं वाहिनी के अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी और बड़ी संख्या में बलकर्मी उपस्थित रहे। स्थापना दिवस समारोह के माध्यम से बलकर्मियों में उत्साह और कर्तव्यबोध का संचार देखा गया।