नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
बोधगया। बिहार की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने में मगध विश्वविद्यालय एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रो. शशि प्रताप शाही ने हुए कहा कि इस वर्ष अगस्त माह तक विश्वविद्यालय की सभी लंबित परीक्षाएं नियमित रूप से संपन्न हो जाएंगी जिसके बाद लगभग डेढ़ दशक के अंतराल के बाद विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा। डॉ. शाही ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं होगा, बल्कि यह दर्शाएगा कि मगध विश्वविद्यालय ने विलंबित सत्रों के अंधकार से बाहर निकलकर शिक्षा के एक नए युग में प्रवेश कर लिया है।
कुलपति ने बताया कि जब उन्होंने पदभार ग्रहण किया, उस समय विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र वर्षों पीछे चल रहे थे। छात्र-छात्राएं असमंजस की स्थिति में थे और कॉलेजों में पढ़ाई की जगह राजनीतिक नारेबाजी और अशांति का माहौल बना हुआ था। उन्होंने कहा हमने सबसे पहले इस अव्यवस्था पर कड़ा रुख अपनाया और सत्र को नियमित करने के लिए पूरी टीम के साथ ठोस रणनीति पर काम किया। आज परिणाम यह है कि विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं चल रही हैं। छात्रों की उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और कैंपस में शिक्षा का वातावरण बहाल हो चुका है।
डॉ. शाही ने कहा कि अब मगध विश्वविद्यालय में ‘क्लास ऑन’ है, ‘एग्जामिनेशन ऑन’ है और ‘डिस्ट्रक्शन ऑफ’ है। मगध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की घोषणा को छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में नई ऊर्जा और गर्व का संचारक माना जा रहा है। कुलपति ने कहा कि यह समारोह न केवल डिग्री वितरण का अवसर होगा, बल्कि यह विश्वविद्यालय के पुनर्जागरण और आत्म-नवाचार का प्रतीक बनेगा। दीक्षांत समारोह में राज्य के वरिष्ठ शैक्षणिक, प्रशासनिक और राजनीतिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति संभावित है, जिससे यह आयोजन बिहार के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मोड़ बन सकता है।
नैक ग्रेडिग से बिहार के श्रेष्ठ संस्थानों में शामिल होगा मगध विश्वविद्यालय
डॉ. शाही ने बताया कि 2०15 के बाद से विश्वविद्यालय ने नैक ग्रेडिग के लिए कोई भी गंभीर प्रयास नहीं किया था। यह स्थिति बिहार जैसे राज्य के सबसे बड़े विश्वविद्यालय के लिए बेहद चिताजनक थी, लेकिन अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीते 9 वर्षों की अकादमिक और प्रशासनिक रिपोर्ट तैयार कर नैक को समर्पित कर दी है। कुलपति ने कहा कि हमने पुरानी फाइलों की धूल साफ कर न सिर्फ रिपोर्ट तैयार की, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता के अनुसार पुनर्गठित किया। हमारी टीम ने दिन-रात मेहनत कर वह काम कर दिखाया जो सालों तक अटका पड़ा था।
डॉ. शाही ने विश्वास व्यक्त किया कि मगध विश्वविद्यालय अब नैक ग्रेडिग में उच्च स्कोर प्राप्त करेगा और बिहार के सर्वोत्कृष्ट विश्वविद्यालयों की सूची में जल्द ही शामिल होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अब न केवल शैक्षणिक अनुशासन में आगे है, बल्कि तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में भी नई राहें बना रहा है। इस बदलाव का सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा। अब उन्हें परीक्षा समय पर देने और डिग्री समय से प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इससे उच्च शिक्षा, रोजगार, और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रवेश के मार्ग भी सहज होंगे।