नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
जहानाबाद। पर्यावरण और प्रकृति से लगाव ने एक युवा को रोजगार स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। इस प्रेरणा के पीछे गांव में ही कुछ अच्छा करने की जज्बा भी शामिल थी। कॉलेज स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर सुमन चौबे को आगे की पढ़ाई या रोजगार के लिए पैसे की जरूरत थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार के लोगों ने सुमन को बाहर जाकर प्राइवेट नौकरी तलाशने का दबाव दिया। सुमन का मन गांव में खेत- खलिहान और पेड़ पौधों में बसता था। वह गांव में ही कुछ अच्छा करने की चाह तो रखता था लेकिन कुछ इसके लिए सूझ नहीं रहा था।
इस बीच सुमन के बड़े भाई रमन चौबे ने सुमन के लग्न और प्रकृति तथा पेड़ों से लगाव को देखते हुए उसे सलाह दिया कि गांव में ही निजी पौधाशाला लगाकर वह अपनी आजीविका चला सकता है। भाई से मिले मार्गदर्शन और कुछ गांव में करने की जुनून ने युवक सुमन को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। वर्ष 2012 में सुमन ने मुख्यमंत्री निजी पौधाशाला योजना से अपने गांव में घर के पास 20 डिसमिल जमीन में पौधशाला की स्थापना की। वर्तमान में 20000 पौधे की सप्लाई सुमन अपने नर्सरी से वन विभाग को करता है, इसके अलावा प्रतिवर्ष 15 से 20 हजार पौधा वह किसानों और बागवानी करने वाले लोगों को निजी तौर पर बेचता है। आसपास के इलाकों में नर्सरी का संचालन कर रहे इस युवक को बड़ी अदब से लोग सुमन जी का नाम लेते हैं।
सुमन बताता है कि 4 माह तक लगभग 100 लोगों को प्रतिदिन वह बागवानी और पौधारोपण में रोजगार प्रदान करता है। इस युवक के कारण आसपास के कई गांव के लोगों को न सिर्फ हरी भरी प्रकृति का दर्शन हो रहा है, बल्कि गांव के बेरोजगार लोगों के लिए रोजगार का अवसर भी सुलभ हो रहा है। यह पूछने पर की साल में इस पौधाशाला से कितनी आमदनी आपकी हो जाती है सुमन जी बताते हैं की लगभग 5 लाख रुपए वार्षिक उनकी कमाई हो जाती है। लेकिन उससे भी कहीं अधिक उन्हें संतुष्टि इस बात से होती है कि पर्यावरण और किसानों के हित में वह एक अच्छा कार्य कर रहे हैं। साथ ही गांव में रहकर परिवार का देखभाल और खेतीबारी करते हुए उनकी अपनी दाल रोटी मजे में चल रही है।
वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री के हाथों सुमन को मिला था पुरस्कार
सुमन बताते हैं कि पौधाशाला खोलने के 1 साल बाद ही जब इस क्षेत्र में बहुत कम नर्सरी थी, उनके उत्कृष्ट कार्य और कृषि वानिकी के क्षेत्र में उनके प्रयास के लिए मुख्यमंत्री जी ने पटना के ज्ञान भवन में उन्हें मेडल प्रशस्ति पत्र और सम्मान राशि देकर सम्मानित किया था। मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान पाकर सुमन को कुछ और दृढ़ संकल्प के साथ इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का हौसला भी मिला।
दुर्लभ प्रजाति के फलदार वृक्ष भी सुमन के नर्सरी में है उपलब्ध
फलदार और इमारती लकड़ी के लगभग 50 प्रजाति के पौधे सुमन के पौधाशाला में उपलब्ध है। यहां कई फूलों के प्रजाति भी उपलब्ध है। फलदार पौधे में आम की कई दुर्लभ किस्म की प्रजाति जिसमें मियांजाकी, काला आम, बनाना मैंगो और अमरूद की विशिष्ट प्रजाति के पौधे यहां देखे जा सकते हैं।