8.38 करोड़ राजस्व लक्ष्य के विरुद्ध 8.78 करोड़ रुपये की राशि की गई वसूली
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। आज समाहरणालय के सभा कक्ष में जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला सड़क सुरक्षा समिति श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की भौतिक बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिले में बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं की प्रवृत्ति, उनके कारणों तथा रोकथाम हेतु उठाए जा सकने वाले ठोस एवं प्रभावी उपायों पर गंभीरतापूर्वक विमर्श किया गया।
बैठक के आरंभ में जिलाधिकारी द्वारा जिले में विगत महीनों में हुई सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया, जिसके अनुसार अक्टूबर 2025 तक जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 303 व्यक्तियों की मृत्यु तथा 162 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने इसे अत्यंत ही गंभीर और चिंताजनक बताया तथा संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा को लेकर विभागीय समन्वय और कर्तव्यों के निर्वहन में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।

जिलाधिकारी ने सड़क दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने हेतु सभी चिन्हित ब्लैक स्पॉट स्थलों पर आवश्यक संरचनात्मक सुधार जैसे- साईनेज, चेतावनी बोर्ड, रंबल स्ट्रिप्स एवं स्पीड ब्रेकर इत्यादि की शीघ्र स्थापना सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित अभियंताओं को दिया। साथ ही, उन्होंने सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की रोकथाम हेतु जिले में हेलमेट एवं सीट बेल्ट जाँच अभियान को और अधिक सघन, सुनियोजित तथा परिणामोन्मुख बनाने की आवश्यकता जताई।
बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी सुनंदा कुमारी द्वारा बताया गया कि परिवहन विभाग, बिहार, पटना से प्राप्त निदेशों के आलोक में औरंगाबाद जिले में लगातार विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है। मोटरयान निरीक्षक, प्रवर्तन अवर निरीक्षक तथा सभी थाना प्रभारी नियमित रूप से हेलमेट एवं सीट बेल्ट की जांच कर रहे हैं। नियम उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए शमन शुल्क की वसूली की जा रही है। अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक में विभाग द्वारा निर्धारित 8.38 करोड़ राजस्व लक्ष्य के विरुद्ध 8.78 करोड़ रुपये की राशि वसूली गई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 104.86 प्रतिशत है, जो अभियान की सफलता को दर्शाता है।
जिला परिवहन पदाधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों में संचालित वाहनों की सघन जांच की जा रही है, जिसके तहत अब तक 63 डिफाल्टर वाहनों पर शमन की कार्रवाई की गई है तथा यह प्रक्रिया सतत रूप से संचालित है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हिट एंड रन मामलों की अद्यतन जानकारी साझा करते हुए यह बताया गया कि 1 अप्रैल 2022 से अब तक जिले में इस श्रेणी के अंतर्गत कुल 405 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 398 मामलों को जिला पदाधिकारी द्वारा अनुमोदित कर बीमा कंपनी (GIC, मुंबई) को अग्रसारित किया गया है। इनमें से अब तक 305 लाभुकों के खातों में मुआवजा राशि का भुगतान हो चुका है।
वहीं नन हिट एंड रन श्रेणी में जिले से कुल 151 मूल संचिकाओं को ट्रिब्यूनल कोर्ट, मगध प्रमंडल गयाजी में भेजा गया है, जिनका निराकरण प्रचलन में है। बैठक में सभी सदस्यों द्वारा सड़क सुरक्षा की दिशा में सामूहिक प्रयास, जन-जागरूकता अभियान, विभागीय समन्वय तथा समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। बैठक में सभी सदस्यों द्वारा सड़क सुरक्षा की दिशा में सामूहिक प्रयास, जन-जागरूकता अभियान, विभागीय समन्वय तथा समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
पुलिस उपाधीक्षक द्वारा सभी थानाध्यक्षों को निदेशित किया गया कि प्रत्येक माह सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित सभी अभिलेख जैसे- प्राथमिकी प्रतिलिपि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बीमा कागजात आदि की एक प्रति जिला परिवहन कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि मामलों के निपटारे में विलंब न हो और संबंधित लाभुकों को समय पर सहायता प्राप्त हो सके।
बैठक में पुलिस उपाधीक्षक (यातायात), सिविल सर्जन औरंगाबाद, परियोजना निदेशक एनएचएआई सासाराम, एनएच-139 एवं एनएच-120 के प्रतिनिधिगण, मोटरयान निरीक्षक, प्रवर्तन अवर निरीक्षक सहित अन्य विभागीय पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।