दिल्ली में हुआ पहली बिहार ईवी निर्माण कॉन्क्लेव
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
नई दिल्ली। बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने डब्ल्यूआरआई इंडिया के सहयोग से पहली बार बिहार ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) निर्माण कॉन्क्लेव का आयोजन किया, जिसमें 100 से अधिक उद्योग प्रतिनिधि शामिल हुए। यह सम्मेलन बिहार में मजबूत ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री नितिश मिश्रा ने कहा कि बिहार निवेश-तत्परता के साथ ईवी क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है। नेपाल, पूर्वोत्तर राज्यों और झारखंड की नजदीकी इसे क्षेत्रीय व्यापार और लॉजिस्टिक्स का द्वार बनाती है। उन्होंने कहा कि बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025, सिंगल-विंडो क्लीयरेंस और सरल प्रशासनिक प्रक्रियाएँ निवेशकों के लिए बेहतर माहौल प्रदान कर रही हैं। मंत्री ने गया जिले में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य उद्योग और साझेदारियों का स्वागत करने को तैयार है।
अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने राज्य की जनसांख्यिकीय क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 13 करोड़ से अधिक की आबादी में 58% लोग 25 वर्ष से कम आयु के हैं। यह भारत का सबसे युवा कार्यबल है, जिसे कौशल विकास, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे का सहारा प्राप्त है। उन्होंने बिहार ईवी नीति 2023 के प्रोत्साहनों की जानकारी दी। बिहार ईवी नीति के तहत दोपहिया पर 20 हजार तक, तिपहिया पर 30 हजार तक, चारपहिया पर 1.5 लाख तक और इलेक्ट्रिक बसों पर 20 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी।
चार्जिंग व बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन के लिए 25% पूंजीगत सहायता और पहले तीन वर्षों तक बिजली दर में 30% सब्सिडी मिलेगी। पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स में भी बड़ी छूट का प्रावधान है। कॉन्क्लेव में उद्योग और पर्यावरण क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने माना कि सकारात्मक नीतियाँ, कौशल विकास और तकनीकी नवाचार पर जोर बिहार को पूर्वी भारत का प्रमुख ईवी विनिर्माण केंद्र बनाएगा। इस आयोजन ने साफ संकेत दिया कि बिहार स्वच्छ परिवहन क्रांति में अगुवाई करने के लिए तैयार है।