राज्य में पहली बार लागू होगी योजना, श्रम संसाधन दिवस के अवसर पर राज्य के श्रमिकों को तोहफा
कमल किशोर
औरंगाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्ग निर्देशन में बुधवार को बिहार के श्रमिकों को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। राज्य सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए श्रम संसाधन विभाग से निबंधित सभी श्रमिकों को वार्षिक वस्त्र सहायता योजना के तहत पाँच–पाँच हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराने का फैसला किया है। यह पहली बार होगा जब राज्य में श्रमिकों को उनके वस्त्र अथवा पोशाक खरीदने के लिए सीधे उनके बैंक खातों में राशि अंतरित की जाएगी।
राज्य के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में विभाग में निबंधित 16 लाख 4 हजार 929 श्रमिकों को यह लाभ दिया जाएगा और इसके लिए करीब 802 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राशि का अंतरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार श्रमिक कल्याण दिवस के अवसर पर बुधवार को एक कार्यक्रम में करेंगे और श्रमिकों के खाते में तुरन्त यह अनुदान पहुंच जायेगा। विभाग के सचिव दीपक आनंद ने राज्य के सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर इस अवसर पर सभी जिला मुख्यालयों में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। श्रम संसाधन विभाग के इस निर्णय को राज्य के श्रमिक वर्ग के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। इससे लाखों परिवारों को लाभ होगा और विभाग की पारदर्शिता और सक्रियता भी स्पष्ट रूप से सामने आएगी।
भवन सेस से मिलेगी राशि, विभाग के पास करीब 3,000 करोड़ रुपए की उपलब्धता
श्रम संसाधन मंत्री ने बताया कि भवन निर्माण कार्यों पर लिए जाने वाले भवन सेस से इस योजना का खर्च पूरा किया जाएगा। निर्माण कार्य पर एक प्रतिशत की दर से भवन सेस वसूला जाता है और इसी राशि से श्रमिकों के कल्याणकारी कार्य संचालित होते हैं। विभाग के पास इस समय भवन सेस मद में लगभग तीन हजार करोड़ रुपए की उपलब्धता है। इसी राशि से निबंधित श्रमिकों को पोशाक योजना के अंतर्गत अनुदान प्रदान किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वतंत्रता के बाद से ही इस योजना का प्रावधान था और इसे 1949 में बनाया गया था लेकिन विगत सात दशकों से अधिक समय में इसे कभी लागू नहीं किया गया। विभाग का कार्यभार संभालने के बाद जब उन्हें इस योजना की जानकारी मिली तो तुरंत इसे क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया ताकि राज्य के श्रमिकों को पहली बार वस्त्र मद में सरकार से आर्थिक सहायता मिल सके। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यह कोई एकबारगी निर्णय नहीं है बल्कि अब हर साल निबंधित श्रमिकों को पोशाक योजना का लाभ दिया जाएगा।
अगले वर्ष से निबंधित सभी 34 लाख श्रमिकों को मिलेगी राशि
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि श्रमिकों के निबंधन की प्रक्रिया लगातार जारी है और पिछले एक वर्ष में इसमें अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एक साल पूर्व जहां राज्य में 16 लाख से अधिक श्रमिक निबंधित थे, वहीं पिछले बारह महीनों में व्यापक प्रचार–प्रसार अभियान और श्रमिकों में आई जागरूकता के कारण 17 लाख नए श्रमिकों ने अपना निबंधन कराया है। इस तरह वर्तमान में राज्य में श्रमिकों की कुल संख्या लगभग 34 लाख हो चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी श्रमिक को निबंधन के एक वर्ष बाद से ही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है। इसलिए पिछले एक वर्ष में निबंधित हुए श्रमिकों को इस साल पोशाक योजना का लाभ नहीं मिलेगा लेकिन अगले वर्ष से ये सभी 34 लाख श्रमिक भी इसके दायरे में आ जाएंगे और उन्हें भी पाँच हजार रुपए की राशि पोशाक खरीदने के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। श्रम मंत्री ने कहा कि विभाग ने निबंधन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है और कोई भी श्रमिक कभी भी विभागीय पोर्टल पर जाकर अपना निबंधन करा सकता है। पोर्टल 24 घंटे खुला रहता है और इसका उद्देश्य यही है कि राज्य का कोई भी श्रमिक विभाग की योजनाओं से वंचित न रहे। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के सभी श्रमिक विभाग के पंजीकरण से जुड़ें और उन्हें पोशाक योजना सहित स्वास्थ्य, बीमा, शिक्षा और आवास जैसी अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। आने वाले वर्षों में जब यह योजना सभी 34 लाख निबंधित श्रमिकों तक पहुँचेगी, तो यह राज्य के श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में दर्ज होगी।
श्रमिकों के लिए उत्सव के समय पर एक बड़ी राहत
उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक पहल राज्य के श्रमिकों के लिए उत्सव के समय पर एक बड़ी राहत लेकर आई है। आज़ादी के बाद पहली बार ऐसा अवसर आया है जब सरकार श्रमिकों के वस्त्र या पोशाक की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उनके लिए सीधे पाँच हजार रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है। इससे न केवल श्रमिक परिवारों को त्योहारी मौसम में सहारा मिलेगा बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी। मंत्री ने कहा कि यह केवल शुरुआत है और आने वाले समय में श्रमिकों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी से और भी कई कल्याणकारी योजनाएँ लागू की जाएंगी।