कुलपति प्रो एसपी शाही ने कहा – युवा ही बनायेंगे सपनों का बिहार
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
गया। मंगलवार को मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के तत्वावधान में “बिहार संवाद” कार्यक्रम का आयोजन बड़े उत्साह और उमंग के साथ हुआ। कार्यक्रम का स्थल महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का सेमिनार हॉल था, जहां बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और छात्र-छात्राएं एकत्र हुए। गया कॉलेज, जगजीवन कॉलेज, मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज और एएम कॉलेज के सैकड़ों विद्यार्थी भी मौजूद रहे। हॉल खचाखच भरा रहा, जो कार्यक्रम की लोकप्रियता और महत्व को दर्शाता है। कार्यक्रम निर्धारित समय पर शुरू होने वाला था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से स्थगित करना पड़ा। बाद में मुख्य अतिथि ऋतुराज सिन्हा का स्वागत मगध विश्वविद्यालय स्थित शिक्षा विभाग में किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो एसपी शाही ने उन्हें पुष्पगुच्छ, अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने घोषणा की कि “बिहार संवाद” को निकट भविष्य में नई तिथि पर पुनः आयोजित किया जाएगा। इस संवाद का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों और समाज के बीच सार्थक बातचीत स्थापित करना और बिहार के विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करना है। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री एवं एसआईएस प्राइवेट लिमिटेड समूह प्रबंधन के निदेशक ऋतुराज सिन्हा ने युवाओं से सीधे संवाद किया। उन्होंने कहा कि बिहार को बदलने के लिए सबसे पहले युवाओं को अपनी सोच बदलनी होगी। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है और इसमें बिहार की भागीदारी बेहद जरूरी है।
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि बिहार की विशाल युवा आबादी यदि ठान ले तो बदलाव को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने राज्य के प्रति नकारात्मक सोच खत्म करने पर जोर दिया और कहा कि जैसे कोई व्यक्ति अपने परिवार को दोष देकर आगे नहीं बढ़ सकता, वैसे ही राज्य की कमियों को कोसने से विकास नहीं होगा। युवाओं को नेतृत्व की जिम्मेदारी लेनी होगी और साफ दृष्टिकोण के साथ आगे आना होगा। उन्होंने जेपी आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि 1975 में जिस तरह बिहार के युवाओं ने तानाशाही के खिलाफ बिगुल फूंका था, आज भी उसी जोश और जज्बे की जरूरत है।
उन्होंने गरीबी को राज्य की सबसे बड़ी चुनौती बताया और कहा कि किसानों व श्रमिकों की आय बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए तकनीक आधारित खेती, बटाईदार किसानों को स्थायी अधिकार और कृषि सुधार जरूरी हैं। रोजगार के विषय पर बोलते हुए ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि केवल सरकारी नौकरी को लक्ष्य बनाना व्यवहारिक नहीं है। युवाओं को रोजगार मांगने वाले नहीं, देने वाला बनने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने स्वरोजगार और उद्यमिता को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि सरकार को युवाओं के लिए ऋण और प्रशिक्षण की आसान व्यवस्था करनी चाहिए।