डॉक्टर पर आरोप लगाना उचित नहीं : डॉ राजीव
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की औरंगाबाद शाखा के पदाधिकारियों ने कहा है कि किसी चिकित्सक के क्लिनिक अथवा अस्पताल में किसी इलाजरत मरीज की मृत्यु हो जाने पर संबंधित डॉक्टर या अस्पताल प्रबंधन को दोषी और जिम्मेवार ठहरना उचित नहीं है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आज यहां आइएमए हॉल में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहा कि किसी भी डॉक्टर के क्लिनिक अथवा अस्पताल में किसी मरीज की मृत्यु हो जाने पर लोगों द्वारा अराजक स्थिति पैदा करना पूरी तरह गलत है और ऐसी स्थिति में डॉक्टरों के लिए मरीजों की चिकित्सा सेवा सुलभ कराने में बाधक होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज के निधन हो जाने से परिजनों के साथ-साथ डॉक्टर एवं उनकी मेडिकल टीम को दुख होता है।
पत्रकार सम्मेलन में सचिव डॉ राजीव कुमार ने कहा कि कोई भी डॉक्टर किसी भी परिस्थिति में नहीं चाहता है कि उसके मरीज की मौत हो। ऐसे में किसी भी डॉक्टर के अस्पताल में कोई घटना हो जाए तो केवल डॉक्टर पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। कमियों को उजागर करें लेकिन एकतरफा कार्य न करें। परिजन के साथ-साथ डॉक्टर का भी पक्ष जरूर रखें। श्री कुमार ने कहा कि आइएमए अब एक्टिव हो गया है और आगामी समय में आइएमए हॉल में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे जिसका लाभ लोगों को मिलेगा।
सिविल सर्जन डॉ लालसा सिन्हा के पति डॉ विकास कुमार सिन्हा ने कहा कि 31 अगस्त को मेरे अस्पताल में जो घटना हुई उसमें डॉक्टर की कोई गलती नहीं थी। जब गर्भवती महिला मरीज अस्पताल में आई उस समय उसका पानी गिर चुका था। इसके बाद उसका ऑपरेशन से डिलीवरी कराने की तैयारी शुरू हुई। इसके लिए बॉन्ड भी भरा गया था जिसमें लिखा रहता है कि कोई घटना होने पर परिजन स्वयं जिम्मेवार होते हैं। इसके बाद ऑपरेशन के दौरान महिला का ऑक्सीजन लेवल घटना शुरू हुआ जो वापस नहीं आया। फिर परिजन को समझा कर रेफर किया गया लेकिन उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन द्वारा गाली–गलौज, तोड़फोड़ किया गया। फिर किसी तरफ से मामले को शांत कराया गया।
मौके पर अध्यक्ष डॉ आरएस गुप्ता, डॉ बी किशोर, डॉ अनिल सिन्हा, डॉ रवि रंजन, डॉ शोभा रानी, डॉ शशि कुमारी, डॉ प्रभात मिश्रा, डॉ उमेश कुमार सिंह, डॉ पीयूष रंजन, डॉ मृत्युंजय कुमार, डॉ कविता सहगल, डॉ चांदनी सिंह, डॉ ऋत्विक सिंह, डॉ पुष्पेंद्र कुमार, डॉ धनंजय कुमार, डॉ अमित कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।