बड़ा हादसा टला, निर्माण गुणवत्ता और भ्रष्टाचार पर उठे गंभीर सवाल
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
तिलौथू (रोहतास)। जिले के ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रोहतासगढ़ किले में निर्माणाधीन बहुप्रतीक्षित रोपवे परियोजना उस समय सवालों के घेरे में आ गई, जब ट्रायल के दौरान ही रोपवे की ट्रॉली और पिलर भरभराकर गिर गए। अचानक हुए इस हादसे से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। गनीमत रही कि ट्रायल के समय रोपवे में कोई पर्यटक या कर्मचारी सवार नहीं था, अन्यथा यह हादसा भीषण त्रासदी में बदल सकता था। घटना के बाद स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों में भारी आक्रोश देखने को मिला।

सूत्रों के अनुसार, रोहतासगढ़ जैसे दुर्गम और ऐतिहासिक स्थल पर रोपवे को पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया जा रहा था। लेकिन ट्रायल के दौरान ही ट्रॉली का असंतुलित होकर गिर जाना और पिलर का टूटना यह दर्शाता है कि निर्माण में भारी लापरवाही और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इस हादसे ने परियोजना में अपनाए गए सुरक्षा मानकों, तकनीकी जांच और गुणवत्ता नियंत्रण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि यदि ट्रायल के समय ही ढांचा जवाब दे गया, तो आम पर्यटकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी?

घटना के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का आरोप है कि इस परियोजना में भ्रष्टाचार और जल्दबाजी के कारण गुणवत्ता से समझौता किया गया, जिसका परिणाम यह हादसा है। रोहतासगढ़ रोपवे को जिले के पर्यटन मानचित्र पर एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा था, लेकिन इस हादसे ने न केवल परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासनिक कार्यशैली को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।
रोपवे से संबंधित घटित घटना को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। घटना की निष्पक्ष, पारदर्शी एवं तथ्यात्मक जांच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पुल निर्माण निगम के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह द्वारा एक जांच समिति का गठन किया गया है।
जांच समिति को निर्देश दिया गया है कि वह घटना के सभी पहलुओं—तकनीकी, प्रशासनिक एवं मानवीय कारणों—की विस्तृत जांच करते हुए यह स्पष्ट करे कि घटना किन परिस्थितियों में हुई, क्या मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया गया था तथा कहीं कोई लापरवाही या तकनीकी त्रुटि तो नहीं रही। समिति को निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
संबंधित को निर्देश दिया है कि वे जांच समिति को आवश्यक सभी दस्तावेज, तकनीकी विवरण एवं सहयोग उपलब्ध कराएं। जिला प्रशासन आमजनों को आश्वस्त करता है कि इस मामले में दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा जन-सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।