ग्रेटर पटना फाउंडेशन ने जताया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
फुलवारी शरीफ। राजधानी पटना में देश के चुनिंदा डबल डेकर फ्लाईओवरों में शामिल इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का उद्घाटन होते ही पटना शहरवासियों ने राहत की सांस ली है। इस ऐतिहासिक क्षण पर ग्रेटर पटना फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इसे “न्याय के साथ विकास” की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है. गौरतलब हो कि ग्रेटर पटना के परिकल्पना की इस पुराण के बारे में बैठक फुलवारी शरीफ की धरती पर हुई थी. ग्रेटर पटना के परिकल्पना को लोगों के सामने लाने वाले लोगों की माने तो पहली बैठक फुलवारी शरीफ के रामकृष्ण नगर एवं दूसरी बैठक फुलवारी शरीफ के प्रकाश टॉकीज सिनेमा हॉल में हुई थी जिसका उद्घाटन नीतीश कुमार ने किया था।
ग्रेटर पटना फाउंडेशन से जुड़े प्रमोद कुशवाहा ने कहा कि यह फ्लाईओवर केवल एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि तकनीकी उत्कृष्टता और प्रशासनिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है. उन्होंने मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति और दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि यह परियोजना स्पष्ट करती है कि जब नेतृत्व पारदर्शी हो, तो असंभव भी संभव हो जाता है. इस आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि “ग्रेटर पटना” की परिकल्पना के पीछे वर्षों का संघर्ष रहा है।
नागेश्वर सिंह स्वराज के नेतृत्व में 2000 के दशक की शुरुआत में यह आंदोलन आकार लेना शुरू हुआ. पहला जनसंवाद कार्यक्रम 4 मार्च 2004 को रामकृष्ण नगर, पटना में आयोजित किया गया था, जिसका उद्घाटन स्वयं नीतीश कुमार ने किया था. स्वराज को इस मुद्दे पर वर्षों तक न्यायिक प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ा, हालांकि अब वे आरोपमुक्त हैं और सक्रिय राजनीति से दूर हैं. दूसरा वृहद जनसंवाद 20 जुलाई 2005 को फुलवारीशरीफ के प्रकाश टॉकीज़ में आयोजित किया गया, जिसमें हज़ारों स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया और शहरी विस्तार की माँग को मजबूती से रखा।