11 जून को जनता को होगा समर्पित
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। राजधानीवासियों को ट्रैफिक से बड़ी राहत मिलने वाली है. 11 जून को मुख्यमंत्री पटना के पहले डबल-डेकर फ्लाईओवर को जनता को समर्पित करेंगे. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के कार्यों का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि यह डबल-डेकर फ्लाईओवर पटना शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. साइंस कॉलेज से पीएमसीएच होते हुए कारगिल चौक तक बनने वाला यह एलिवेटेड कॉरिडोर करीब 422 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है. मंत्री ने बताया कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा फ्लाईओवर का कार्य अंतिम चरण में है और सभी तैयारियां तेज़ी से पूरी की जा रही हैं।
पटना शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक अशोक राजपथ पर यह डबल-डेकर फ्लाईओवर बन रहा है. इसकी कुल लंबाई 2.2 किमी है. नीचे का डेक (टियर-1) 1.45 किमी लंबा है जो पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक फैला है, जबकि ऊपर का डेक (टियर-2) 2.2 किमी लंबा है, जो कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक विस्तृत है. दोनों लेयर पर 8.5 मीटर चौड़ी कैरिजवे बनाई गई है जो एकतरफा यातायात के लिए डिज़ाइन की गई है।
मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि डबल-डेकर फ्लाईओवर से पटना के प्रमुख क्षेत्रों—पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय, साइंस कॉलेज, अशोक राजपथ के भारी ट्रैफिक दबाव में कमी आएगी. इसके साथ ही जेपी गंगा पथ (पटना रिवर फ्रंट रोड) को कृष्णा घाट के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे गांधी सेतु और अन्य मार्गों से आने वाले वाहनों को वैकल्पिक रास्ता मिलेगा.
पटना में पहली बार लोग तीन लेयर (मेट्रो, डबल डेक फ्लाईओवर और सड़कों) में सफर का अनुभव करेंगे. मंत्री ने कहा कि यह प्रोजेक्ट न केवल ट्रैफिक मैनेजमेंट को सुदृढ़ करेगा, बल्कि छात्रों, मरीजों, व्यवसायियों और आम नागरिकों को भी सीधे लाभ पहुंचाएगा. निरीक्षण के दौरान पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर. पुदकलकट्टी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मंत्री ने बताया कि फ्लाईओवर का 90% सर्विस रोड का कार्य भी पूर्ण हो चुका है और मल्टी-लेवल पार्किंग, बाकरगंज नाला प्रोजेक्ट और पटना मेट्रो से इसका समन्वय किया गया है. यह परियोजना छपरा के बाद बिहार का दूसरा डबल-डेकर फ्लाईओवर है जिसे अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किया जा रहा है।