ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिला और की कार्रवाई की मांग
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के ओबरा थाना क्षेत्र के खरांटी गांव के पूर्व मुखिया अजीत कुमार सिन्हा की हत्या के मामले में घटना के 6 दिन बाद भी सात नामजद अभियुक्तों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है और न ही पीड़ित परिवार को किसी प्रकार की सहायता राशि प्रदान की गई है। इस मामले में सर्वाधिक दुखद प्रसंग यह है कि क्षेत्र के सांसद, विधायक, विधान पार्षद, जिला पार्षद तो दूर सांसद-विधायक के हारे हुए प्रत्याशी भी अब तक सांत्वना या हिम्मत देने के लिए पीड़ित परिवार के घर पर नहीं पहुंचे हैं।
ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल किशोर के नेतृत्व में ओबरा प्रखंड के खरांटी गांव स्थित पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। प्रतिनिधिमंडल में जीकेसी के कमल किशोर के अलावा जिला महासचिव अजय कुमार वर्मा, वरीय अधिवक्ता अजय कुमार संतोष, जेपी सेनानी एवं खादी ग्रामोद्योग समिति के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव, गणेश प्रसाद, राजीव रंजन सिन्हा, राजेश सिन्हा एवं दीपक बलजोरी शामिल थे ।
प्रतिनिधिमंडल की ओर से प्रभावित परिवार को आश्वस्त किया गया कि उन्हें न्याय दिलाने में जीकेसी हर संभव सहयोग करेगा और उनकी सहायता में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगा। इस सिलसिले में जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल किशोर ने दाउदनगर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से फोन पर बात कर पीड़ित परिवार को शीघ्र न्याय दिलाने और इस मामले में अविलंब कार्रवाई करने की मांग की। इस बीच जीकेसी के प्रतिनिधिमंडल की ओर से उच्च जातियों के लिए राज्य आयोग के उपाध्यक्ष एवं जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद से दूरभाष पर बातचीत की गई।
इस आलोक में श्री प्रसाद ने तुरंत औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री से बातचीत की और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के साथ-साथ उन्हें सरकारी नियमानुसार सहायता प्रदान करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने कहा कि इस संबंध में ओबरा के प्रखंड विकास पदाधिकारी को अविलंब कार्रवाई के लिए निर्देश दिया जा रहा है। श्री प्रसाद ने कहा कि इस मामले में कुल 10 लोग नामजद अभियुक्त हैं जिसमें तीन लोगों की गिरफ्तारी अभी तक हुई है। शेष सात लोग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। उनकी शीघ्र गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक को अपेक्षित कदम उठाने को कहा गया है।
इस दौरान मृतक के छोटे भाई इंद्रजीत कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया कि कुछ नामजद अभियुक्तों के परिजन भ्रामक बातें फैला कर मामले को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हत्या उनके भाई की लोकप्रियता से घबराकर की गयी और राजनीति से प्रेरित है ।
गौरतलब है कि विगत 11 जून की सुबह ओबरा प्रखंड के बभनडीहा ग्राम पंचायत के पूर्व मुखिया एवं समाजसेवी अजीत कुमार सिन्हा की अपराधियों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। उनका शव गांव के ही एक व्यक्ति के घर बरामद किया गया था। इस संबंध में मृतक श्री सिन्हा की पत्नी ने 10 नामजद अभियुक्तों के खिलाफ ओबरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। मृतक श्री सिन्हा के परिवार में उनकी धर्मपत्नी के अलावा केवल दो मासूम बच्चे हैं और उनके पास रोजगार अथवा आमदनी का कोई जरिया नहीं है।