अम्बा। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
भारतमाला परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे में जमीन के अधिग्रहण और मुआवजा की प्रक्रिया को लेकर किसानों में असंतोष है। अधिग्रहण से प्रभावित किसान विकास सिंह ने बताया कि गुरुवार को नवीनगर प्रखंड की अंचल अधिकारी प्रशासन के साथ बेनी गांव पहुंची और जबरन निर्माण कार्य शुरू करना चाहा। इसके विरोध में सैकड़ो किसान उक्त स्थल पर इकट्ठा हो गए और अपने हक की मांग करते हुए निर्माण कार्य को रोक दिया।
अंचल अधिकारी के समझाने के बावजूद जब किसान नहीं माने तब उन्होंने शुक्रवार को किसानों के एक शिष्टमंडल को जिलाधिकारी से वार्ता करने के लिए औरंगाबाद बुलाया। शिष्टमंडल में शामिल किसान अभय कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी और भू-अर्जन पदाधिकारी के साथ समाहरणालय में वार्ता हुई। जो वार्ता विफल रही। जिला अधिकारी ने किसानों से अपील किया कि किसी भी परिस्थिति में कानून अपने हाथ में ना ले और निर्माण कार्य सुचारु रूप से चलने दे। कार्य बाधित करने पर हम कानूनी कारवाई करने के लिए मजबूर होंगे।
जहां तक भुगतान की बात है तो रैयती किसानों का भुगतान किया जा रहा है। जिन किसानों की जमीन की प्रकृति बकास्त है वह अंचल में अपना पेपर जमा करें। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित नवीनगर के अंचलाधिकारी को निर्देश दिया की जिन किसानों का पेपर जमा है उनका दस्तावेज तुरंत जिला में अग्रेषित करें। किसान बबलू सिंह ने जिलाधिकारी से कहा की किसानों के लिए भी कानून है। हम लोग उसी कानून के आधार पर भुगतान की मांग कर रहे हैं।
बेनी गांव के किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे अशोक सिंह ने बताया की अंचल कार्यालय में किसानों की बात नही सुनी जाती है, किसान दौड़ते दौड़ते परेशान है। परियोजना आए करीब दो साल हो गए परंतु भुगतान की स्थिति न के बराबर है। पुलिस–प्रशासन और कंपनी के लोग धरातल पर दल-बल के साथ हमारे जमीनों का कब्जा करने दिन प्रतिदिन आ रहे हैं लेकिन मुआवजा के भुगतान के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इधर किसान भी संकल्पित है की शत-प्रतिशत मुआवजा राशि का भुगतान हुए बगैर किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं होने देंगे।
शिष्टमंडल में रामजिवन सिंह, अभय कुमार सिंह, जगत कुमार सिंह, अवधेश कुमार सिंह, हिमांशु सिंह, बबलू सिंह उपस्थित रहे।