नवबिहार टाइम्स संवाददाता
अंबा (औरंगाबाद)। भारतमाला परियोजना के तहत अधिग्रहित जमीन के मुआवजे को लेकर प्रशासन और किसान आमने-सामने डटे हुए हैं। एक तरफ प्रशासन निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए किसानों पर दबाव बना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ किसान उचित मुआवजा लिए बगैर एक इंच भी जमीन देने को तैयार नहीं है। विगत मंगलवार को रामपुर गांव में जबरन निर्माण कार्य करने पहुंचे पदाधिकारियों के रवैए देखते हुए किसानों ने गुरुवार को जगन्नाथ बीघा गांव में धरना प्रदर्शन किया। किसानों से बात करने के लिए एसडीम औरंगाबाद, एसडीपीओ संजय पांडेय, प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार तथा अंचल अधिकारी चंद्र प्रकाश प्रदर्शन स्थल पर पहुंचें। उन्होंने किसानों को जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराने की बात कही।
पदाधिकारियों से विचार विमर्श करने के बाद भारतीय किसान यूनियन के संयोजक वशिष्ठ सिंह ने कहा कि किसान निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न करना नहीं चाहते हैं। हमारी लड़ाई सिर्फ उचित मुआवजे को लेकर है। हमलोग प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे सभी पदाधिकारी का मान रखते हुए जिलाधिकारी से मुलाकात करेंगे और समस्याओं का समाधान कराने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी से मुलाकात करने के बाद निर्णय लिया जाएगा की किसानों के आगे की रणनीति क्या होगी। हालांकि किसान जिलाधिकारी से बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन वे सरकार द्वारा निर्धारित मुआवजे की मांग को लेकर अडिग हैं।
प्रदर्शन में किसान यूनियन के जिला प्रभारी विकास कुमार सिंह, संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह, अशोक सिंह, नरेंद्र कुमार, ललन सिंह समेत सैकड़ो किसान शामिल थे।