नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
जहानाबाद। झारखंड में हुई भारी बारिश से बिहार की फल्गु नदी उफान पर है। इसका असर गया, जहानाबाद और नालंदा जिलों पर सबसे ज्यादा पड़ा है। नदी का पानी गांवों में घुसते ही कई घर ढह गए, धान की फसलें बर्बाद हो गईं और मत्स्यपालकों की मेहनत पर पानी फिर गया। जीरा मछली से लेकर तैयार मछलियां तक बाढ़ का पानी बहाकर ले गया। बताया जाता है कि जहानाबाद जिले के घोसी प्रखंड स्थित भारथु गांव में बड़े पैमाने पर मत्स्य पालन होता है। इस बार फल्गु में आई बाढ़ ने मत्स्यपालकों को दो करोड़ रुपये तक का नुकसान कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली है। मजदूरी करने वाले बेरोजगार हो गए हैं, जबकि किसान और मत्स्यपालक कर्ज के बोझ तले दब गए हैं।
मत्स्यपालक किसान दुर्गेश कुमार ने बताया कि— “हमने करीब 50 लाख रुपये मत्स्य पालन में लगाए थे। बाढ़ से अब तक 25 लाख का नुकसान हो चुका है। 15 दिन पहले भी यही स्थिति हुई थी। प्रशासन ने वादा किया था कि तटबंध को दुरुस्त करेंगे, लेकिन 5 मिनट भी पानी का दबाव नहीं झेल सका और पूरा इलाका जलमग्न हो गया। अब तो हालात ऐसे हैं कि जीने की उम्मीद खत्म हो गई है।
भारथु गांव की सीता कुमारी ने बताया कि—“बाढ़ ने हमारी जिंदगी नरक बना दी है। बच्चे तक बाढ़ का पानी पीकर जिंदा रहे हैं। प्रशासन और नेता सिर्फ फोटो-वीडियो खिंचवाने आते हैं, मदद कोई नहीं करता। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और नेताओं ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। दो बार बाढ़ आ चुकी है, लेकिन तटबंध की मजबूती पर ध्यान नहीं दिया गया। परिणामस्वरूप करोड़ों की मछली और धान की फसल बर्बाद हो गई और किसानों की फसलें डूब गईं। अब ग्रामीण सिर्फ सरकार और प्रशासन से राहत और मुआवजा मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।