काठमांडू (नेपाल)। नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नेपाल द्वारा और एशिया प्रशांत मंच (एपीएफ) के सहयोग से आयोजित किया गया राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों में लैंगिक समावेशीकरण को मुख्यधारा में लाने तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन काठमांडू में पूरा हो चुका है। सम्मेलन का प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा उद्घाटन किया गया है।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान में निहित मौलिक अधिकारों को बनाए रखने और मानवाधिकारों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करके ’समृद्ध नेपाल, खुशहाल नेपाली’ की राष्ट्रीय आकांक्षा को साकार किया जा सकता है। 3 सितंबर को शुरू सम्मेलन के दौरान सात अलग–अलग सत्रों में विषय पर चर्चा हुई। इसके अलावा, विशेषज्ञों द्वारा तीन वैचारिक पत्र प्रस्तुत किए गए थे।
सम्मेलन ने लैंगिक समावेशीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी घोषणापत्र कार्यान्वयन में जोड करने काठमांडू ने नौ बूंदे घोषणापत्र जारी किये हैं। सम्मेलन मे ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, मलेशिया, मालदीव, मंगोलिया, नेपाल, ओमान, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, फिलीपींस, कतर, समोआ, थाईलैंड, तिमोर लेस्ते समेत एशिया प्रशांत क्षेत्र के 19 देशों के राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के प्रमुख और प्रतिनिधि शामिल थे।
नेपाली नागरिक समाज, सरकारी एजेंसियां, मानवाधिकार कार्यकर्ता, मीडिया कार्यकर्ता सहित 400 लोग उपस्थित थे। लैंगिक समावेशीकरण पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए नेपाल के उपप्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह कहा कि लैंगिक समानता के लिए सभी को अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत के कार्यकारी अध्यक्ष विजया भारती सयानी ने कहाँ, एशिया–प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्रों के लिए, एनएचआरआई के बीच नियमित बैठकें, संयुक्त प्रशिक्षण और सहयोगी परियोजनाएं सहयोग बढ़ा सकती हैं और लैंगिक समानता को आगे बढ़ा सकती हैं। यह सम्मेलन एनएचआरआई के बीच संवाद को बढ़ावा देने, नवीन विचारों को साझा करने और नेटवर्क को मजबूत करने, वैश्विक स्तर पर लैंगिक असमानताओं को संबोधित करने में चल रही प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
यह सम्मेलन से मानवाधिकार संगठनों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने, अच्छी प्रथाओं को साझा करने और राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के भीतर और बाहर लैंगिक मुख्यधारा और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई की वकालत करने के लिए रणनीतियों के विकास का मार्गदर्शन करेगा।