नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
अररिया। अररिया में कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाए जा रहे “नौकरी दो या सत्ता छोड़ो” कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय ऐतिहासिक धरना प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन बेरोजगारी के खिलाफ युवाओं के आक्रोश और सरकार से सीधी चुनौती का स्पष्ट संदेश लेकर आया। जिला नियोजन कार्यालय में तालाबंदी कर, सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी बुलंद आवाज उठाई। कार्यक्रम में कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी ने इसे एक बड़ा और प्रभावी आंदोलन बना दिया।
मुख्य रूप से, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शाद अहमद के नेतृत्व में, सदर विधायक आबिदुर रहमान, युवा कांग्रेस अध्यक्ष आफताबुर रहमान, विधानसभा अध्यक्ष इकबाल अहमद, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अनिल सिन्हा और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मासूम रज़ा साहब ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। महिला कांग्रेस से माला कुमारी और काजल गुप्ता की सक्रिय भागीदारी ने इस आंदोलन को और भी सशक्त बनाया।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही है, जिसके चलते लाखों युवा सड़कों पर भटकने को मजबूर हैं। जिला नियोजन कार्यालय पर ताला जड़कर, प्रदर्शनकारियों ने सरकार को यह स्पष्ट संदेश दिया कि अगर रोजगार नहीं दिया गया, तो वे चुप नहीं बैठेंगे और सरकार को सत्ता छोड़ने पर मजबूर कर देंगे। जिला कांग्रेस अध्यक्ष शाद अहमद ने कहा, कि “यह सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। बिहार का युवा रोजगार चाहता है, लेकिन सरकार केवल झूठे वादे कर रही है। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक हर युवा को नौकरी नहीं मिल जाती।”
सदर विधायक आबिदुर रहमान ने कहा, “आज जिला नियोजन कार्यालय पर ताला जड़ना केवल एक सांकेतिक विरोध नहीं है, बल्कि यह युवाओं के धैर्य के बांध के टूटने का संकेत है। सरकार को जल्द से जल्द रोजगार सृजन पर ध्यान देना होगा, अन्यथा उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।” युवा कांग्रेस अध्यक्ष आफताबुर रहमान ने विशेष रूप से युवाओं से एकजुट होने और अपने हक के लिए लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन बिहार के हर उस युवा की आवाज है जो आज बेरोजगार है।