पेंशन से वंचित करने के लिए पत्नी का बनवाया मृत्यु प्रमाण पत्र
नवबिहार टाइम्स संवाददाता
मसौढ़ी। धनरूआ प्रखंड के मुस्तफापुर गांव में एक महिला को उसके ही पति ने कागजों में मार डाला। मामला सामने तब आया जब जिंदा विवाहिता निशा कुमारी के घर पर मतदाता सूची अपडेट करने पहुंचे बीएलओ ने दस्तक दी। दरअसल, निशा कुमारी के पति शिवरंजन कुमार (सरकारी कर्मचारी) ने 5 मई 2025 को अपनी पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। हालांकि इसकी भनक निशा को नहीं लगी थी।
हैरानी की बात यह रही कि मुखिया, पंचायत सचिव और यहां तक कि आंगनबाड़ी सेविका ने भी आवेदन पर सिफारिश कर दी। गांव के ही हरिराम शर्मा, उदय शर्मा, राधेश्याम और किरण देवी को गवाह बनाया था। पंचायत सचिव दीपू यादव ने प्रमाणपत्र मामले की गंभीरता को देखते हुए गवाहों, अनुशंसा करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मियों को नोटिस भेजा है। निर्गत करने की अधिसूचना पर दस्तखत भी कर दिए।
जब निशा कुमारी को इसकी जानकारी लगी तो उसने आरटीआई दायर कर इसका पूरा सच सामने लाया। बीडीओ सीमा कुमारी ने प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी को जवाब देने का आदेश दिया। जवाब आने पर अधिकारी ही नहीं, पूरा गांव चौंक गया। ग्रामीणों के अनुसार, निशा और उसके पति के संबंध लंबे समय से खराब चल रहे थे। पति चाहते थे कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें मिलने वाली पेंशन का लाभ पत्नी को न मिले, इसलिए उन्होंने उसे कागजों में ही ‘मार’ डाला।
इस पूरे घटनाक्रम ने धनरूआ क्षेत्र में खलबली मचा दी है। लोग आश्चर्य में हैं कि बिना किसी मेडिकल दस्तावेज और पुलिस रिपोर्ट के भी किसी को मृत घोषित कर दिया गया और प्रमाणपत्र तक जारी हो गया।