नवबिहार टाइम्स संवाददाता
मसौढ़ी। स्वास्थ्य में सुधार को लेकर सरकार भले ही लाख दावे करती हो लेकिन इन दावो को आईना दिखा रहा है मसौढ़ी का मिनी पीएमसीएच कहे जाने वाला अनुमंडल अस्पताल, जहाँ रात में प्रसूति वार्ड में डिलीवरी के मरीज भगवान भरोसे रह रहे हैं। इसके अलावा प्रसव के नाम पर नजराना वसूली का खेल पर रोक अब तक नहीं लग पाई है। दरअसल मामला बिते बुधवार की रात को है जहाँ एक प्रसुति प्रसव के बाद पेट मे अचानक तेज दर्द होने लगा, जिसे देख मरीज के परिजन अस्पताल स्थित जीएनएम एवं डॉक्टरों का दरवाजा पिटते रहे यहाँ तक की अस्पताल कंट्रोल रूम के नं पर भी फोन करते रहे कोई रिसपांस नही मिला, उसके बाद सुबह छह बजे स्वास्थ्यकर्मी देखने आये।
पिडित मरीज के पति अशोक कुमार डीह मसौढ़ी ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया की कल रात मे अगर कुछ हो जाता तो इसका कौन जिम्मेवार होता, इसके अलावा 300 रूपया नजराना वसुली की भी बात बताई। इसके अलावा प्रसव कराने आई धनरूआ के बरनी के रहने वाले सुप्रिया कुमारी ने बताया कि खर्चा के नाम पर हमसे 200 रूपये वसूली ली गई है। वहीं सारंगपुर पुनपुन के रहने वाली अर्चना कुमारी ने बताया की 200 रूपये भी हमसे ली गई है।
बहरहाल इस पूरे मामले में जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन से बात की गई उन्होंने कहा यह लापरवाही है जांच कर दोषियों पर कारवाई की जायेगी, वहीं एसडीएम अभिषेक कुमार ने भी कारवाई करने का भरोसा जताया है। ऐसे में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का जो वादा सरकार कर रही है वह जमीन पर नहीं दिख रहा है।