नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
जहानाबाद। बारिश नहीं होने का असर खेतों में साफ देखने को मिल सकता है। मौसम का मिजाज से किसानों के समक्ष भूखों मरने नौबत आ रही है, जून माह के दो सप्ताह गुजर गए लेकिन मानसून अभी तक सक्रिय नहीं हुआ है। भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है, बादल छाते हैं मगर बारिश नहीं हो रही सबसे अधिक परेशान धान उत्पादन करने वाले किसान हैं। उन्हें बारिश न होने से खेतों को भरने एव बिचड़े बचाने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। लोगों को उम्मीद है इस बार मॉनसून का आगमन समय से पूर्व होगा लेकिन मानसून के आगमन का समय आने के बावजूद मानसून का कहीं अता पता नहीं है। प्री मॉनसून बारिश से एक दो दिन हल्की बारिश तो हुई लेकिन धरती के तपिश के आगे उसका भी कोई वजूद नहीं रहा। इस तरह से फसलों के लिए किसान बिना पानी के आज भी तरस रहे हैं।
जिले में धान की फसल किसान प्रमुखता से करते हैं। धान की रोपाई से पहले बिचड़े के लिए खेतों को पानी से भरना जरूरी है। इसके लिए बारिश का पानी जरूरी है। कुछ किसानों ने हिम्मत कर डीजल पंप से खेतों को भरकर धान के बिचड़े की रोपाई तो कर दी लेकिन अब उन्हें बचाने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। जिनके पास साधन नहीं हैं, उनके खेत जोतने के बाद सूखे पड़े हैं। बारिश न होने की वजह से धान के बिचड़े को बचा पाना किसान के लिए मुश्किल हो रहा है। मौसम की बेरुखी का बड़ा नुकसान ये है कि भूजल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है, और विडंबना ये है कि हाल फिलहाल इसमें राहत मिलने की भी कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती।