बी. डी. कॉलेज, पटना के विद्यार्थियों ने सीखा पर्यावरण संरक्षण का मंत्र
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
पटना। बी. डी. कॉलेज, पटना के प्राचीन इतिहास, संस्कृति और पुरातत्त्व विभाग द्वारा “गुरु गौरव” कार्यक्रम अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण विषय पर विशेष चर्चा सत्र का आयोजन महाविद्यालय सभागार में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई और इसकी अध्यक्षता प्राचार्या डॉ. रत्ना अमृत ने की। मंच पर विभागाध्यक्ष नीतू तिवारी, प्राचीन इतिहास विभाग की डॉ. स्वर्णा कुमार और हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. लाडली कुमारी उपस्थित थीं।
विभागाध्यक्ष नीतू तिवारी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन और व्याख्यान के माध्यम से विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता को प्राचीन भारतीय परंपराओं से जोड़कर समझाया। उन्होंने अथर्ववेद के मंत्र “माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति ने सदा से पृथ्वी को माता और मनुष्य को उसका पुत्र मानकर उसकी रक्षा का संदेश दिया है। श्रीमती तिवारी ने व्यावहारिक स्तर पर इको ब्रिक बनाने की विधि का प्रदर्शन किया और इसकी उपयोगिता बताई। उन्होंने गीले और सूखे कचरे, शीशे और धातु को अलग-अलग रखने का मॉडल प्रस्तुत किया।
अपने प्रस्तुतीकरण में उन्होंने थ्री पी सिद्धांत — पेड़, पानी और प्लास्टिक — पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से जैव विविधता पर संकट गहराता है, दूषित जल से मानव और कृषि प्रभावित होती है तथा प्लास्टिक प्रदूषण संपूर्ण धरती के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। उन्होंने फाइव आर सिद्धांत — रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल, रिकवर और रिफ्यूज — पर बल देते हुए कहा कि यदि हम इन सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएँ तो पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा दी जा सकती है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. रत्ना अमृत ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं, बल्कि यह समाज के प्रत्येक नागरिक की साझा जिम्मेदारी है। डॉ. लाडली कुमारी ने भी विचार रखते हुए विद्यार्थियों को स्वच्छ जीवनशैली अपनाने का संदेश दिया। कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन नीतू तिवारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. स्वर्णा कुमार ने प्रस्तुत किया। मंच संचालन पंचम सेमेस्टर की छात्राओं छाया, आकांक्षा और श्रेया ने किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी ने पर्यावरण संरक्षण को साझा जिम्मेदारी मानते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, हरित और सुरक्षित भविष्य के निर्माण का संकल्प लिया।