औरंगाबाद। नवबिहार टाइम्स संवाददाता
शहर के एमजी रोड स्थित इस्कॉन केन्द्र पर बहुत धूमधाम से श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। सुबह 4:30 बजे मंगल आरती के साथ शुरू हुआ। 7:30 बजे दर्शन आरती, 8:00 बजे कृष्ण कथा हुआ। इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण को आठ बार भोग लगाया गया। मूल कार्यक्रम संध्या 4:00 बजे से इस्कॉन में शुरू हुआ। 4:30 से विभिन्न कीर्तन मंडली के द्वारा सुमधुर कीर्तन गया गया।
संध्या 6:00 बजे से भगवान श्री मदन मोहन का भव्य महा अभिषेक किया गया। यह अभिषेक लगभग 108 तरह की कई सामग्री के द्वारा किया गया। महाभिषेक के दौरान ब्रह्म संहिता के मंत्रों का उच्चारण किया गया, जैसे ही मंत्र उच्चारण आरंभ हुआ सभी भक्तो को असीम आनंद का अनुभव हुआ। रात्रि 9:00 बजे से भगवान श्री कृष्ण के लीलाओं के ऊपर अद्भुत कथा श्रीमान अभय अच्युत प्रभु के द्वारा कहा गया।
उन्होंने बताया की किस तरह से जब जब पृथ्वी पर पाप का भार बड़ जाता है तो भगवान स्वयं पापियों का नाश करने प्रकट होते हैं। श्रीमान अभय अच्युत प्रभु ने कथा के दौरान समाज में बढ़ रहे कुकृत्यों से बचने और उन्हें रोकने के लिए भी उपाय बताए। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे हम अपने वैदिक संस्कृति को भूलते जा रहे हैं, वैसे वैसे ही समाज में पाप बढ़ रहा है। लोग खुद भी काफी परेशान जीवन व्यतीत कर रहे है।
विद्यार्थी एवं वरिष्ठ अधिकारी तक सुसाइड कर के अपना जीवन अंत कर रहे हैं। इन सभी समस्याओं का मूल कारण हमारा मन और इन्द्रियों पर काबू न होना है। उन्होंने बताया की कृष्ण की सारण ग्रहण करने से और अपने शास्त्रों के अध्यन करके अपने जीवन में उनके आदेशों के पालन करने से समस्त प्राणियों में सद्भावना प्रेम और आनंद का संचार होगा।
कथा के उपरांत कृष्ण लीला के ऊपर बहुत ही सुंदर नाटक की प्रस्तुति की गई। नाटक के उपरांत कीर्तन के धूम के साथ मटकी तोड़ा गया और मध्य रात्रि भगवान श्री श्री मदन मोहन के दर्शन खुले उसके उपरांत महा आरती के साथ छप्पन भोग भी लगाया गया।
इस्कॉन औरंगाबाद के मीडिया टीम के हिमांशु राज प्रभु ने बताया कि इस्कॉन के द्वारा मनाए जा रहे श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव जो की भारत ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों में मनाई जारही है इसके लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एवं लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने बधाई दी। साथ ही साथ उन्होंने बताया की इस वर्ष की जन्माष्टमी जयंती योग में मनाई गई साथ ही साथ रोहिणी नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि योग ने महिमा बधाई।
इस वर्ष की जन्माष्टमी व्रतपालन करने से करोड़ो एकादशी व्रत का फल प्राप्त होता है तथा मानुष संसार के जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है ऐसा पद्मपुराण के 13 वे अध्याय में वर्णित है। इसके साथ साथ उन्होंने यह भी बताया की 27 अगस्त को प्रातः 10:00 बजे से इस्कॉन संस्थापकाचार्य श्रीला प्रभुपाद का जन्मोत्सव एवं नंद उत्सव भी मनाया जाएगा। इसके बाद अपराह्न 12:00 बजे से भंडारे का भी आयोजन इस्कॉन केंद्र के प्रांगण में 27 अगस्त को किया जाएगा। इस दौरान क़रीब 2000 लोग जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल हुए।