नवबिहार टाइम्स संवाददाता
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले में दलित छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक शिष्टमंडल पीड़ित परिवार से मिलने और न्याय दिलाने के लिए पहुंचा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के निर्देशानुसार गठित इस पांच सदस्यीय जांच कमिटी का नेतृत्व बिहार प्रदेश एससी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अनिल कुमार उर्फ साधु पासवान ने किया। शिष्टमंडल में पूर्व मंत्री डॉ. सुरेश पासवान, अनुसूचित जाति के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश पासवान, औरंगाबाद जिलाध्यक्ष सरुण पासवान, अरवल जिलाध्यक्ष उमेश पासवान और जहानाबाद जिलाध्यक्ष अनिल पासवान शामिल थे।
शिष्टमंडल के अध्यक्ष अनिल कुमार साधु ने घटनास्थल का मुआयना करने और पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद इसे सुनियोजित साजिश बताया। उन्होंने औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए दोषियों की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। तेजस्वी यादव ने भी मृतका के पिता से वीडियो कॉल पर बात कर अपनी संवेदना व्यक्त की और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
पूर्व मंत्री डॉ. सुरेश पासवान ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार दलित विरोधी है। न्याय की उम्मीद करना बेवकूफी है। पीड़ित जब थाने जाते हैं तो उन्हें बरगलाकर वापस भेज दिया जाता है। बिहार में कानून व्यवस्था भगवान भरोसे है।” राजद नेताओं ने दावा किया कि बिहार के दलित समाज को अब नीतीश सरकार से कोई उम्मीद नहीं है और वे 2025 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की सरकार बनाने का मन बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ही दलितों के हक और सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।