ग्लोबल कायस्थ कांन्फ्रेंस ने किया कजरी महोत्सव का आयोजन
नवबिहार टाइम्स ब्यूरो
औरंगाबाद। ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) की ओर से कजरी महोत्सव का आयोजन शुक्रवार की रात शहर के चित्रगुप्त सभागार में किया गया। कार्यक्रम में कजरी गीतों ने पूरे सभागार को कजरी के रंग में रंग दिया। इस दौरान रंग-बिरंगे परिधानों में सजी महिलाओं ने ढोलक-झाल पर मंगल गीत की प्रस्तुति कर विलुप्त हो रही अपनी पुरानी संस्कृति और परंपराओं को बचाने का संदेश दिया।
इस अवसर पर जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ कमल किशोर ने कहा कि हम सभी को अपनी संस्कृति से जुड़े हर पर्व को मिलजुलकर मनाना चाहिए। कजरी गीत संवेदनाओं का संप्रेषण दर्शाती है। यह गीत श्रावण मास की पहचान है। विलुप्त हो रही इस परंपरा के संरक्षण की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि सनातन परंपरा एवं अपने त्योहारों को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम हर साल होने चाहिए जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी हमारे त्योहार के बारे में जान सकें।
इस कार्यक्रम में दानिका संगीत महाविद्यालय के निदेशक डॉ रवीन्द्र कुमार, अंजली और शिवांगी ने शानदार प्रस्तुति दी। इस अवसर पर कार्यक्रम का उद्घाटन कमल किशोर, जीकेसी महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ शीला वर्मा, वरीय अधिवक्ता अजय कुमार संतोष, अजय वर्मा, महेंद्र प्रसाद ने किया।
इस मौके पर कामिनी वर्मा, डॉ नीलम रानी, भारती श्रीवास्तव, संजना किशोर, लवली तमन्ना, रश्मि सिन्हा, बबीता सिन्हा, आशा सिन्हा, निभा सिन्हा, नुपूर सिन्हा, सोनम श्रीवास्तव, यशी, विधि, गौरी, साक्षी प्रिया, ममता सिन्हा, अर्पणा सहाय, विमला सिन्हा, अजय कुमार श्रीवास्तव, अजय कुमार वर्मा, महेंद्र प्रसाद, प्रेम कुमार, राजू रंजन सिन्हा, राजेश सिन्हा, दीपक बलजोरी, सुनील सिन्हा, सूर्यकांत, अमित सिन्हा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।